नगर निगम के वार्ड नंबर 34 नई बस्ती (द्वितीय) में पीने का पानी न मिलना सबसे बड़ी समस्या है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि मोहल्लों में आवश्यकता के मुताबिक पीने का पानी नहीं मिलता। कई जगह पाइप लाइन बिछी है लेकिन नल में पानी नहीं आता। अधिकांश आबादी हैंडपंप पर निर्भर है। सिर्फ चुनिंदा इलाकों में ही पानी की पर्याप्त आपूर्ति है।

नई बस्ती में कुम्हरयाना, खारा कुआं, बरयाना, शंकर जी की मढ़िया, आशु माता मंदिर सहित अन्य मोहल्ले आते हैं। कई गलियों में सड़कें खराब पड़ी थीं। नाली की नियमित सफाई नहीं होती, इससे गंदगी से पट जाती है। नाली का गंदा पानी घरों के सामने सड़क पर फैल जाता है। पानी इन सभी मोहल्लों में सबसे बड़ा संकट है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक प्रत्येक घर तक पाइप लाइन है। लेकिन कब पानी आएगा, इसका कोई भरोसा नहीं है। गर्मियों के महीने में कई दिन तक पानी नहीं आता। कई हैंडपंप भी सूख जाते हैं। ऐसे में टैंकर पर उन्हें निर्भर रहना पड़ता है। उसमें भी कई लोग प्राइवेट टैंकर मंगाते हैं।

इनका यह है कहना

पानी के लिए संयोजन ले रखा है लेकिन हफ्ते-हफ्ते पानी नहीं आत्म। लोग हैंडपंप पर निर्भर हैं। यह समस्या दूर होनी चाहिए। – लक्ष्मीनारायण

कई दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है। रातभर जागकर हैंडपंप से पानी भरना पड़ता है। सोमवार रात एक बजे तक हैंडपंप पर पानी भरने वालों की भीड़ थी। – बॉबी

पिछले ढाई साल के दौरान वार्ड में कई विकास कार्य कराए। कई गलियां खराब थीं, उनको ठीक कराया। मोहल्ले में नियमित तौर पर स्ट्रीट लाइट लगवाई। सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त कराई गई। पानी की समस्या दूर करने की भी कोशिश की जा रही है। जल निगम एवं जल संस्थान की मदद से इस समस्या को दूर कराया जाएगा। महानगर पेयजल योजना के जरिये जलापूर्ति आरंभ होने से यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। पंकज झा, पार्षद



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