कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति का दावा कर रही महिला के विरुद्ध प्रवर अधीक्षक डाकघर ने नवाबाद थाने में मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि महिला करीब आठ साल पहले कभी-कभार दैनिक मजदूरी करती थी, जिसका भुगतान भी किया गया। काम न होने पर जब मजदूरी देना बंद कर दिया तो उसने फर्जी दस्तावेज के सहारे नियुक्ति का दावा कर दिया, जो जांच में फर्जी पाया गया।
पुलिस ने जांच की शुरू
प्रवर अधीक्षक डाकघर झांसी मंडल वरुण मिश्रा ने एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति से शिकायत की कि सदर बाजार थाने के गांव सिंगरा भट्टागांव की रहने वाली शिवानी वर्मा ने दो अज्ञात साथियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विभाग में फर्जी नियुक्ति प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने एसएसपी को बताया कि चार फरवरी 1997 में जारी आदेश के तहत आकस्मिक मजदूरों के नियोजन व नियमितीकरण पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसे में सफाई आदि के लिए दैनिक मजदूरी पर बाहरी व्यक्तियों से काम लिया जाता है। शिवानी भी दैनिक मजदूर के रूप में कभी कभार कार्य करती थी। जब विभाग में आकस्मिक कार्य की जरूरत नहीं रही तो शिवानी को भुगतान नहीं किया गया।
नियुक्ति पत्र पर कर लिए फर्जी हस्ताक्षर
शिवानी ने अवमाननीय केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण इलाहाबाद में वाद दाखिल कर दिया। उसने साथियों के सहयोग से विभाग में आकस्मिक श्रमिक के रूप में 31 मई 2017 को जाली नियुक्ति पत्र तैयार कर प्रस्तुत किया। नियुक्ति पत्र पर तत्कालीन प्रवर अधीक्षक डाकघर झांसी मंडल विनोद कुमार सिंह का फर्जी हस्ताक्षर था। जबकि विभागीय जांच में ऐसी कोई पत्रावली नहीं पाई गई और न ही कोई नियुक्ति पत्र पाया गया। एसएसपी के आदेश पर नवाबाद पुलिस ने शिवानी व उसके अज्ञात साथियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वाद दायर करने के बाद जांच में खुला फर्जी दस्तावेज का राज
प्रवर डाक अधीक्षक वरुण मिश्रा ने पुलिस को बताया कि शिवानी वर्मा पत्नी अमित ने मजदूरी न मिलने पर अवमाननीय केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण इलाहाबाद में वाद दाखिल किया था। उसकी तरफ से 31 मई 2017 का जो नियुक्ति पत्र पेश किया गया, जांच में पता चला कि उसे विभाग द्वारा कभी जारी हीं नहीं किया गया। यही नहीं विभाग ने आकस्मिक श्रमिक के लिए कोई नियुक्ति प्रक्रिया जारी नहीं की। न ही शिवानी नाम की महिला की नियुक्ति झांसी मंडल में किसी भी पद पर की गई। वरुण मिश्रा का दावा है कि शिवानी व उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर डाक विभाग एवं केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण को भ्रमित कर गंभीर अपराध किया है।
