प्रधानमंत्री फसल बीमा में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपये का बीमा क्लेम हड़पने के खेल का खुलासा होने के बाद से झांसी के प्रशासनिक हलकों में हलचल मची हुई है। बुधवार को पूरे दिन बीमा कंपनी और कृषि विभाग के बीमा से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले जाते रहे। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कृषि विभाग ने गरौठा थाने में पहली प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले में चार महिलाओं समेत छह पुरुषों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अब पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है।

अमर उजाला ने 17 दिसंबर के अंक में पीएम फसल योजना में घपले का भंड़ाफोड़ किया था। इसमें बताया गया था कि फर्जी आराजी लगाकर खरीफ सीजन (2024) एवं रबी सीजन (2024-25) में लाखों रुपये हड़प ली गई। इस मामले में छह हजार से अधिक खाते संदिग्ध पाए गए। इनकी जांच भी शुरू करा दी गई है। उधर, गरौठा तहसील की सिमरधा न्याय पंचायत में करीब एक करोड़ रुपये बीमा क्लेम के तौर पर हड़प लिए गए। छानबीन में फर्जीवाड़ा करने वाले दस खाते धारकों के नाम सामने आ गए।

उपनिदेशक महेंद्र पाल सिंह की तहरीर पर सिमरधा निवासी मनोज कुमार गुप्ता, उमेश कुमार, पूनम देवी, फूलन देवी, रेषू, भारती, रोशनी देवी, राममूर्ति, छविलाल एवं उमेश कुमार के खिलाफ गरौठा थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उपनिदेशक का कहना है कि इससे जुड़े अन्य मामलों की भी उच्च स्तर पर जांच चल रही है। गड़बड़ी मिलने पर इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।

जांच के लिए तहसीलवार पांच कमेटियों का गठन

पीएम बीमा योजना में फर्जीवाड़े का मामला शासन तक जा पहुंचा। शासन के निर्देश पर बुधवार को डीएम मृदुल चौधरी ने तहसीलवार पांच अलग-अलग टीम गठित कर दी। उनसे सात दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। सदर तहसील के लिए मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद की अगुवाई में कमेटी बनाई गई। इसमें जिला विकास अधिकारी और तहसीलदार सदर शामिल हैं। वहीं, मऊरानीपुर तहसील के लिए अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) अनिल गौर समेत परियोजना निदेशक ,डीआरडीए एवं तहसीलदार शामिल किए गए हैं। गरौठा तहसील के लिए अपर जिलाधिकारी वरुण पांडेय, जिला पंचायतराज अधिकारी हरगोविंद श्रीवास्तव एवं तहसीलदार की टीम बनाई गई है। टहरौली की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) शिव प्रताप शुक्ला, जिला प्रोबेशन अधिकारी और तहसीलदार शामिल किए गए। मोंठ तहसील के लिए अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) योगेंद्र कुमार, उपायुक्त (मनरेगा) एवं तहसीलदार को जांच कमेटी में शामिल किया गया है।

21 गांव में सबसे अधिक गड़बड़ी की आंशका

प्रारंभिक छानबीन में सामने आया कि जिन गांव की चकबंदी नहीं हुई, वहां सबसे अधिक गड़बड़ी हुई। जांच टीम को खास तौर से सबसे पहले चकबंदी वाले गांव की जांच के निर्देश दिए गए हैं। झांसी में कुल 21 गांव ऐसे हैं जहां चकबंदी का काम पूरा नहीं हुआ। इनमें झांसी सदर की हीरापुर, बुढ़पुरा, मऊरानीपुर तहसील की कचनेव, सैनी, मथुपुरा, अड़जार, घाटकोटरा, तुमरवारा, धवाकर, रोरा, बम्हौरी, घाट लहचूरा, धमना पायक, भंडरा, मैलोनी, बुखारा, भदरवारा, धायपुरा, बसरिया, सितौर, खरफा माफ शामिल हैं। यहां सबसे अधिक खेल हुआ। इन गांवों में खतौनी ऑनलाइन नहीं है। ऐसे में मनमाने तरीके से खतौनी लगाने के बाद राजस्व कर्मियों से सांठगांठ करके बीमा क्लेम हड़पने का खेल हुआ।

सांसद की जमीन पर क्लेम लेने वाले की शुरू हुई जांच

रितिक तिवारी नामक व्यक्ति ने सांसद अनुराग शर्मा के स्वामित्व वाली जमीन की खतौनी लगाकर 1.67 लाख रुपये का क्लेम हड़प लिया। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद से कृषि अफसरों में भी खलबली मच गई।बीमा कंपनी के रिकॉर्ड खंगाले गए। रिकॉर्ड खंगालने पर मालूम चला कि रितिक तिवारी के जिस खाते में पैसा गया, वह जालौन के इंडियन बैंक का है। डीडी कृषि महेंद्र पाल सिंह का कहना है कि पीएम किसान बीमा निदेशालय से इससे संबंधित सभी कागजात मंगाए गए हैं। लाॅगिन आईडी की जांच की जा रही है। जल्द ही इसकी भी जांच पूरी कर ली जाएगी।



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