महिला जिला अस्पताल की ओपीडी में बुधवार को कई गर्भवती महिलाएं ब्लड प्रेशर जांच के लिए घंटों भटकती रहीं। कई महिलाएं करीब 60 कदम दूर तक चक्कर लगाती रहीं लेकिन कहीं भी ब्लड प्रेशर नहीं नापा गया। किसी से मशीन तो किसी से स्टाफ न होने की बात कही गई जिससे परेशान महिलाएं बिना जांच कराए लौट गईं।

परेशान होती रहीं महिला मरीज

अस्पताल में कोई गर्भवती रुटीन जांच तो कोई दिक्कत होने पर उपचार कराने के लिए आई थीं। नियमानुसार डॉक्टर को दिखाने से पहले प्रत्येक महिला की बीपी जांच होनी चाहिए थी, जो नहीं हुई। कई गर्भवती महिलाओं की समस्या सुनकर डॉक्टर ने रूम नंबर 51 में ब्लड प्रेशर नपवाने के लिए भेज दिया। उसके बाद महिलाएं रूम नं. 51 तलाशती रहीं क्योंकि वह पीछे की तरफ करीब 60 कदम की दूरी पर स्थित है। जब महिलाएं पूछताछ करते हुए रूम नं. 51 पहुंचीं तो वहां किसी से जांच का उपकरण नहीं होने की बात कही गई तो किसी से स्टाफ नहीं होने की बात। आरती देवी, प्रेमादेवी गुप्ता समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि काफी देर इंतजार करने के बाद जब जांच नहीं हुई तो निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

गर्भवती का बीपी चेक करना बेहद जरूरी

मेडिकल काॅलेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमा जे शोभने का कहना है कि गर्भवती का तो सबसे पहले ब्लड प्रेशर नापना चाहिए क्योंकि इसकी गड़बड़ी से संकट खड़ा हो सकता है। भ्रूण का विकास प्रभावित हो जाता है। दौरे की भी दिक्कत हो सकती है। वहीं, डाॅ. मनु शुक्ला का कहना है कि यदि गर्भवती का ब्लड प्रेशर बढ़ता है तो उसे नियंत्रित करने की दवा दी जाती है ताकि भ्रूण सुरक्षित रहे।

ओपीडी में जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। हर जगह पर उपकरण मुहैया कराए हैं। ओपीडी के बाहर की बीपी नापने की व्यवस्था की जाएगी।

– डॉ. राजनारायण, सीएमएस, महिला जिला अस्पताल

यह करना चाहिए

उच्च रक्तचाप का प्रबंधन डॉक्टर की देखरेख में करें।

संतुलित आहार, नमक का सीमित सेवन, हल्का व्यायाम।

रक्तचाप नियंत्रित करने की दवा नियमित लेते रहें।

आठ घंटे की नींद पूरी करें, तनाव की बातों से दूर रहें।



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