मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के यूरोलॉजी ऑपरेशन थियेटर में तीन माह से प्रोस्टेड (पौरुष ग्रंथि) के ऑपरेशन बंद हैं। इसकी वजह ऑपरेशन में प्रयुक्त होने वाला वर्किंग एलीमेंट उपकरण खराब होना है। यही नहीं, थियेटर की लेजर मशीन भी खराब है। इन हालात के चलते ऑपरेशन के लिए आने वाले लोग निराश लौट रहे हैं। वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि तीन दिन पहले ही उपकरण के खराब होने के पता चला है।
कई बार मौखिक हो चुकी शिकायत
यूरोलॉजी के वरिष्ठ चिकित्सक बताते हैं कि प्रोस्टेड के बढ़ने की वजह से लोगों को लघुशंका में काफी दिक्कत होती है। जब इसका आकार काफी बढ़ जाता है या लघुशंका बंद हो जाती है, तब ऑपरेशन करना पड़ता है। इस समस्या को लेकर मेडिकल कॉलेज में रोजाना 15-20 रोगी आते हैं। तीन-चार ऐसे होते हैं, जिनका तुरंत ऑपरेशन करने की जरूरत होती है। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार बनौरिया कॉलेज प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं। कई बार मौखिक भी अवगत कराया जा चुका है मगर अभी तक समस्या का निदान नहीं हो रहा है।
प्रशासन बोला- तीन दिन पहले चला पता
वहीं, एसआईसी डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि तीन दिन पहले पता चला है कि प्रोस्टेट के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। जिस उपकरण के खराब होने की बात कही जा रही है, उसे जल्द सही कराया जाएगा।मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के यूरोलॉजी ऑपरेशन थियेटर में तीन माह से प्रोस्टेड (पौरुष ग्रंथि) के ऑपरेशन बंद हैं। इसकी वजह ऑपरेशन में प्रयुक्त होने वाला वर्किंग एलीमेंट उपकरण खराब होना है। यही नहीं, थियेटर की लेजर मशीन भी खराब है। इन हालात के चलते ऑपरेशन के लिए आने वाले लोग निराश लौट रहे हैं। वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि तीन दिन पहले ही उपकरण के खराब होने के पता चला है।
