वाराणसी-खजुराहो वंदेभारत में टिकट चेकिंग स्टाफ की तैनाती को लेकर झांसी व वाराणसी मंडल के बीच एक माह से चल रही खींचतान का सीधा असर टिकट चेकिंग स्टॉफ पर पड़ रहा है। खजुराहो से वंदेभारत लेकर वाराणसी पहुंच रहे टिकट चेकिंग स्टाफ को रुकने के लिए टीटीई रेस्ट रूम तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। पिछले एक माह से अशोभनीय व्यवहार से परेशान टिकट चेकिंग स्टाफ की शिकायत पर उच्चाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया तो विवाद आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया। हालात यहां तक खराब हो गए कि झांसी मंडल के डीआरएम अनिरुद्ध कुमार को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करानी पड़ी। फिर भी तनाव बरकरार है।
यात्रियों की सुविधा के लिए 11 नवंबर को वाराणसी से खजुराहो वंदेभारत की शुरुआत की गई थी। करीब 450 किलोमीटर लंबी दूरी तय रही खजुराहो वंदेभारत में झांसी मंडल से टिकट चेकिंग स्टाफ की नियुक्ति की गई। इसमें उत्तर मध्य रेलवे अफसरों का कहना था कि पूरी गाड़ी उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र से संचालित होती है, जबकि करीब 15 किलोमीटर वाराणसी मंडल के क्षेत्र में चलती है। संचालन के बाद कुछ ही दिन बाद वाराणसी मंडल ने रुख बदल गया और झांसी से जाने वाले टीटीई स्टाफ को वाराणसी में रुकने के लिए रेस्ट रूम में ताला डाल दिया गया।
इनका यह है कहना
वाराणसी-खजुराहो वंदेभारत में टीटीई स्टाफ को लेकर समस्या आई है। मामले में पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी के डीआरएम को पत्र लिखा गया है। मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया। जल्द ही इस समस्या का निस्तारण हो जाएगा। – अनिरुद्ध कुमार, मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल
