बिजली ढांचे में सुधार के लिए मंडल में तीन साल से चल रही रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) समयसीमा बीतने के बावजूद अधर में लटकी हुई है। इस योजना के तहत हुए कार्यों पर 363 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी दावे के अनुरूप उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि सर्दी में भी बिजली कटौती का दंश झेलना पड़ रहा है। लेटलतीफी के चलते निगम ने कार्यदायी कंपनी मोंटी कार्लाे पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
जल्द कार्य नहीं हुआ तो जुर्माने में हो सकती हैं बढ़ोतरी
आरडीएसएस के तहत पहले चरण में 363 करोड़ रुपये से झांसी मंडल में कार्य कराया जा रहा है। इसमें 58 करोड़ रुपये कार्य व शेष 305 करोड़ रुपये मैटेरियल पर खर्च हो रहे हैं। इन रुपयों से पोल लगाने, जर्जर लाइनों को बदलने, कृषि फीडरों के निर्माण और ओवरलोड फीडरों को दो भागों में बांटने के कार्य चल रहे हैं। यह प्रोजेक्ट नवंबर 2024 में पूरा करना था लेकिन कार्य अब तक 90 प्रतिशत तक ही हो सके हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य जर्जर पोल और लाइन में सुधार कर बिजली चोरी रोकना था। धरातलीय स्थिति के मुताबिक अभी भी कई जगहों पर जर्जर लाइनों के साथ पोल की स्थिति अब भी खराब बनी हुई है। इस कार्यों में लापरवाही बरतने के चलते निगम ने कार्यदायी कंपनी मोंटी कार्लाे पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए इनके बिलों से कटौती की है। इसके साथ ही कंपनी को यह कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि शेष कार्य जल्द पूरे नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ जुर्माना में और बढ़ोतरी की जा सकती है।
रीवैम्प्ड योजना से झांसी मंडल के तीनों जनपद में कार्य कराए जा रहे हैं। कंपनी के कार्य अभी पूर्ण नहीं हैं। इसे जल्द पूर्ण कराया जाएगा। कार्य में देरी के चलते कंपनी के बिलों में कटौती की गई है।– केपी खान, मुख्य अभियंता विद्युत वितरण मंडल, झांसी।
