चिरगांव के ग्राम पहाड़ी बुजुर्ग स्थित सिद्धपीठ रायसेनिया बाबा मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन मंगलवार को श्रद्धा, ज्ञान और रासलीला के दिव्य संदेशों के साथ हुआ। अंतिम दिन कथावाचक पं. रमाकांत व्यास ने रास पंचायत और गोपी लीला का गूढ़ आध्यात्मिक विवेचन प्रस्तुत किया।

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उन्होंने कहा कि रास पंचाध्यायी योगमाया की वह लीला है, जिसमें भगवान का प्रेम सृष्टि-उद्धार का माध्यम बनता है। भागवत ग्रंथ में राधारानी का प्रत्यक्ष नाम नहीं मिलता, परंतु यह निर्विवाद सत्य है कि भगवान कृष्ण ने राधा के साथ ही रास किया। राधा-माधव एक ही ज्योति के दो स्वरूप हैं राधा शक्ति हैं और कृष्ण ब्रह्म। उन्होंने गोपी गीत को भागवत का सर्वाधिक प्रिय अध्याय बताते हुए कहा कि यह आत्मा की पुकार और ईश्वर से एकाकार होने का श्रेष्ठ भाव-संगीत है।

 



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