सर्दी के सीजन में नगर निगम की सियासत गरमा गई है। अब 12 दिसंबर को उपसभापति का चुनाव होगा। महापौर ने चुनाव की तारीख पर मुहर लगा दी है। पिछले छह महीने से उपसभापति की कुर्सी खाली चल रही है।

नगर निगम में नौ जून को कार्यकारिणी के छह पदों के लिए चुनाव हुआ था। पहले बगावत और फिर क्रॉस वोटिंग होने के बावजूद भाजपा अपने पांचों प्रत्याशी नरेंद्र किशोर, बाल स्वरूप साहू, रश्मि अहिरवार, लखन कुशवाहा और भरत सेन को जिताने में कामयाब हो गई थी। जबकि, विपक्ष की ओर से निर्दलीय पार्षद विकास खत्री विजयी हुए थे। निर्वाचन के बाद ही उपसभापति के चुनाव की चर्चाएं शुरू हो गई थीं लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। तारीख पर तारीख बीतती गई मगर चुनाव की घोषणा नहीं हुई। इसको लेकर पार्षदों में भी अंदरखाने जबरदस्त आक्रोश रहा मगर वो खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। अब मेयर बिहारी लाल आर्य ने उपसभापति के चुनाव की तिथि घोषित कर दी है। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर को चुनाव कराया जाएगा।

नगर निगम इतिहास में सबसे छोटा होगा कार्यकाल

अब जो उपसभापति चुना जाएगा, उसका कार्यकाल महज छह महीने का होगा। आंकड़े देखें तो नगर निगम के इतिहास में ये सबसे छोटा कार्यकाल होगा। इससे पहले 2022 में उपसभापति चुने गए भरत सेन का आठ महीने का कार्यकाल रहा था।

अब शुरू होगी जोर-आजमाइश, ये हैं दावेदार

कार्यकारिणी में संख्या बल के आधार पर भाजपा का दबदबा है। 12 में 10 सदस्य बीजेपी के ही हैं। इनमें पार्षद मुकेश सोनी, दिनेश प्रताप सिंह, आशीष तिवारी, मोनिका गुप्ता और प्रवीण लखेरा का दूसरा कार्यकाल है। पार्षद मुकेश सोनी, आशीष तिवारी और मोनिका गुप्ता उपसभापति की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, पहली बार कार्यकारिणी में पहुंचीं एक महिला पार्षद भी उपसभापति के लिए दावा कर रही हैं। नाम तय करने को लेकर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक होगी। किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। उससे ही 12 दिसंबर को नामांकन कराया जाएगा।



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