पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने साइबर अपराध के खतरों के साथ गोल्डन ऑवर के बारे में भी सचेत रहते की बात कही। बुधवार को दीनदयाल सभागार में आयोजित जागरुकता एवं प्रशिक्षण शिविर में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लेते हुए डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरुकता सबसे बड़ा हथियार है। साइबर अपराध होने पर गोल्डन ऑवर (वारदात होने से शुरुआती एक घंटा) के भीतर हेल्पलाइन नंबर 1930 मिलाएं। इस गोल्डन ऑवर के बारे में सभी को बताने की जरूरत है। धोखाधड़ी के शिकार लोगों को इससे काफी मदद मिल सकती है। साइबर जालसाज रोजाना अपना रूप बदल रहे हैं। डीजीपी ने डिजिटल अरेस्ट के बारे में कहा कि कोई जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। एपीके फाइल जैसे माध्यमों से भी सचेत रहने की जरूरत है।

मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने साइबर अपराध से बचाव के नए तरीके खोजने की जरूरत बताई। बैंकों को भी जवाबदेह होने को कहा। जालसाज डिजिटल माध्यम से पैसा बाहर निकालते हैं। इस पर बैंकों को भी रोक लगानी होगी। आईजी आकाश कुलहरि ने कहा कि साइबर जालसाजी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब थाना स्तर पर साइबर सेल बनाया गया है। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहाकि जालसाजों के पास असीमित डेटा है। खुद उनके पास भी डिजिटल अरेस्ट को लेकर फोन आ चुका है। उन्होंने इसके खिलाफ सामूहिक लड़ाई की जरूरत बताई।

एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करने के साथ मंच का संचालन भी किया। उनके यह कहने पर कि क्या हुआ कि झांसी की रानी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन, उनकी झांसी तो है, सभागार में मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।

 



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