महानगर में भूखंड स्वामियों का विवरण दुरुस्त करने के लिए चलाया जा रहा अभियान एक साल बाद भी अूधरा है। नगर निगम अब तक करीब 7000 भूखंड स्वामियों का रिकॉर्ड अपडेट करने में सफल हुआ है लेकिन 43 हजार भूखंड ऐसे हैं, जिनके मालिकों का अब भी कोई अता-पता नहीं है। ऐसे में जीआईएस सर्वे में शामिल होने के बाद इन भूखंडस्वामियों से गृहकर वसूली करना निगम प्रशासन के सामने चुनौती बना हुआ है।

एक साल में भवनस्वामियों की संख्या बढ़कर 2.28 लाख तक पहुंची

महानगर में पहले गृहकर के दायरे में आने वाले भवनों की संख्या करीब 1.12 लाख थी लेकिन 2024 में जीआईएस सर्वे पूरा होने के बाद भवनस्वामियों की संख्या बढ़कर 2.28 लाख तक पहुंच गई। इनमें 50 हजार भूखंडस्वामी भी शामिल हैं। ज्यादातर भूखंड की चहारदीवारी नहीं है। वहीं, जिन भूखंड स्वामियों ने चहारदीवारी कराई भी है उनमें ज्यादातर ने गेट पर नाम, मोबाइल नंबर आदि का नहीं लिखवाया है। कई भूखंडों की कई-कई बार बिक्री हो जाने पर आसपास के लोगों को भी ये पता नहीं होता है कि वास्तविक मालिक कौन है। गृहकरदाताओं की सूची में शामिल होने के बाद जब नगर निगम के कर विभाग की टीम भवनस्वामियों के बारे में जानकारी लेती है तो आसपड़ोस के लोग भी कुछ नहीं बता पाते। ऐसे में निगम प्रशासन के सामने इन भूखंडस्वामियों से गृहकर की वसूली करना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।

भूखंड मालिकों की तलाश तेज

अधिकारियों के अनुसार कई मालिक शहर छोड़ चुके हैं, वहीं कुछ मामलों में स्वामित्व परिवर्तन तो हुआ लेकिन दस्तावेज निगम में अपडेट नहीं किए गए। निगम पिछले एक साल से क्षेत्रीय टीमें बनाकर घर–घर जानकारी जुटा रहा है, लेकिन कई भूखंडों पर ताले मिले, जबकि कुछ आवंटन रिकॉर्ड में तो दर्ज हैं पर जमीन पर उनका अस्तित्व ही नहीं मिल रहा। इस वजह से मानचित्र अनुमोदन और भू-राजस्व से जुड़ी प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं। निगम अब शेष भूखंड मालिकों की तलाश के लिए सार्वजनिक नोटिस, दस्तावेज सत्यापन और विशेष सर्वे तेज करने की तैयारी में है। उनका कहना है कि स्वामित्व स्पष्ट होने पर ही गृहकर वसूली को गति मिल सकेगी।

कर विभाग को मिला 35 करोड़ वसूली का लक्ष्य

नगर निगम के कर विभाग को इस बार 35 करोड़ रुपये गृहकर वसूली का लक्ष्य मिला हुआ है। अब तक विभाग भूखंडस्वामियों से करीब 21.50 करोड़ रुपये गृहकर जमा करवा चुका है। मार्च 2026 तक विभाग को 13.50 करोड़ रुपये और वसूलने हैं।

इलाकों में जाकर टीम लगातार भूखंडस्वामियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। इसी वजह से सात हजार प्लॉट मालिकों का पता चलने के बाद गृहकर जमा करने के नोटिस भेजे गए हैं। कइयों ने गृहकर जमा भी किया है। बचे हुए भूखंडस्वामियों का भी जल्द पता लगाकर नोटिस भेजा जाएगा। – अवधेश कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम।



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