
सांकेतिक तस्वीर
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अपर सत्र न्यायाधीश (बलात्कार सहित पॉक्सो अधिनियम) नीतू यादव की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने छह साल पुरानी घटना में फैसला सुनाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अतुलेश सक्सेना ने बताया कि एक युवती ने मऊरानीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि वह तीन जून 2017 को मऊरानीपुर के ग्राम भकौरा निवासी टरी और बबलू के साथ बाइक पर सवार होकर अपनी बुआ के घर ग्राम भकौरा जा रही थी। मां ने उसे उन युवकों के साथ जाने के लिए कहा था।
युवती ने बताया कि रास्ते में उसने युवकों से लिंक रोड पर उतारने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने और जबरदस्ती उसे बबलू के कुआं के पास ले गए। यहां पहुंचकर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। इस दरम्यान बबलू ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि टरी वहां खड़े होकर आसपास की निगरानी करता रहा। युवती के चीखने-चिल्लाने पर आसपास के कुछ लोग वहां पहुंच गए और उन्होंने उसे बचाया।
इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग गए। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त टरी और बबलू को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिसकी अदायगी न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।