बुंदेलखंड में सोलर पार्कों से हरित ऊर्जा की बुनियाद बेहद मजबूत होने जा रही है। सरकार ने इस क्षेत्र में पाैने तीन साल पहले 4995 मेगावाट क्षमता वाले आठ सोलर पार्कों की मंजूरी दी थी। ज्यादातर पार्कों के लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। जमीन की चहारदीवारी का काम चल रहा है। इसके बाद सोलर सिस्टम लगाने का काम शुरू होगा। यदि निवेश के समझाैते के मुताबिक कार्यों की रफ्तार ठीक रही तो अगले साल तक झांसी मंडल में ही साैर ऊर्जा से 2782 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद है।

जालौन में लगने जा रहा 1200 मेगावाट का प्लांट

बुंदेली धरा की भौगोलिक स्थिति साैर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए सबसे अधिक मुफीद है। इसको देखते हुए ललितपुर और झांसी जिले में तापीय प्लांटों से उत्पादित कुल 2900 मेगावाट के मुकाबले साैर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का बड़ा लक्ष्य रखा गया है। जालाैन जिले की उरई और माधोगढ़ तहसील के कई गांवों में बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड 6000 करोड़ की लागत से 1200 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगाने जा रहा है। अगले छह महीने में इसका काम पूरा होने की उम्मीद है। इससे 12 लाख लोगों के घरों को रोशन किया जा सकेगा। डीएम राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि यह प्लांट 6000 एकड़ भूमि में लग रहा है। शेष कार्य पूरा करवाने के बाद प्लांट को शुरू करवाने की कोशिश की जाएगी।

गरौठा में 600 मेगावाट का प्लांट

वहीं, उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीएनईडीए) ने झांसी की गराैठा तहसील के आठ गांवों में 600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 263.77 एकड़ सरकारी और 2500 एकड़ निजी भूमि अधिगृहीत की है। इस जमीन पर घेराबंदी का काम पूरा हो गया। पहले हिंदुजा ग्रुप को प्लांट लगाने का काम दिया गया था, लेकिन कंपनी समय पर काम नहीं कर पाई। उसका कार्य आवंटन निरस्त कर अब दूसरी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां भी एक साल के भीतर उत्पादन आरंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

ललितपुर भी बनेगा सोलर हब

ललितपुर भी आने वाले समय में सौर ऊर्जा उत्पादन का हब बनेगा। यहां सोलर प्लांट के लिए 16,650 करोड़ रुपये निवेश के सात प्रस्ताव आए हैं। इसकी मदद से 982 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है। जाखौरा ब्लॉक के खड़ोवरा में 150 करोड़ की लागत से 10 मेगावाट का उत्पादन हाल में प्रारंभ हुआ। इसके अलावा टेस्क्यू कंपनी 3450 करोड़ लागत से 650 मेगावाट का प्लांट तालबेहट क्षेत्र के पवा गांव में लगाने जा रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ग्राम हर्षपुर में भी टोरंट कंपनी की यूनिट का कार्य प्रारंभ हो गया है। यहां 2000 करोड़ की लागत से 150 मेगावाट सौर विद्युत का उत्पादन किया जाना है। इसके पहले महरौनी खुर्द 10 मेगावाट, अमरपुर में 40 मेगावाट, पठा विजयपुरा में 30 मेगावाट, बारचौर में 10 मेगावाट और जाखलौन पंप कैनाल के लगे सोलर प्लेटों से 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उपायुक्त (उद्योग) अतर जमाल बताते हैं कि अगले वर्ष तक जनपद में साैर ऊर्जा से 850 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने की संभावना है। बता दें कि केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड के चित्रकूट में 800 मेगावाट, छतरपुर में 950 मेगावाट, बरेठी में भी 630 मेगावाट के सौर पार्कों को मंजूरी दी थी। वहां भी कार्य चल रहा है।

गराैठा तहसील में 3000 एकड़ में सोलर पार्क बनाने की तैयारी है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण काम अंतिम चरण में है। फेंसिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। समय पर सिस्टम लगाने का काम न करने पर हिंदुजा ग्रुप का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। अब गेल इंडिया से एमओयू के लिए बात चल रही है।– जीपी अनुरागी, परियोजना अधिकारी, यूपीएनईडीए, झांसी




गरौठा में सोलर पार्क की तैयारियों का हाल…



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