16 वर्षीय संस्कार इकलौता बेटा था। उसने घरवालों से कहा था कि “हम बस 17 साल तक ही जिएंगे, आज मेरा आख़िरी दिन है।” यह बात सुनकर परिजनों ने इसे मजाक समझा, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
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16 वर्षीय संस्कार इकलौता बेटा था। उसने घरवालों से कहा था कि “हम बस 17 साल तक ही जिएंगे, आज मेरा आख़िरी दिन है।” यह बात सुनकर परिजनों ने इसे मजाक समझा, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
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