
स्टेशन पर खड़ी ट्रेन।
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बिलासपुर में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि लोको पायलट से लगातार नौ घंटे से अधिक ड्यूटी न कराई जाए। विशेष परिस्थितियों में ही उनसे 11 घंटे काम लिया जाए। इसके लिए भी लोको पायलट की सहमति लेना जरूरी कर दिया गया है।
क्योंकि तीन दिन पहले बिलासपुर में दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गई थीं। इस घटना में एक लोको पायलट की मौत हो गई थी। इस घटना की पड़ताल में सामने आया था कि लोको पायलट 14 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी पर था। जिससे वह बुरी तरह से थका हुआ था। इसे हादसे की बड़ी वजह माना गया था।
इसे ध्यान में रखते हुए सोमवार को रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक विद्युत अभियांत्रिकी (चल स्टाफ) किशोर वैभव की ओर से निर्देश जारी किया। जिसके तहत रेल महाप्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि रनिंग स्टाफ से नौ घंटे से अधिक लगातार ड्यूटी न कराई जाए। विशेष परिस्थितियों में उनसे नौ घंटे के अलावा दो घंटे और काम लिया जा सकता है। लेकिन इसके लिए रनिंग स्टाफ की सहमति लेना जरूरी होगा।
बता दें कि मालगाड़ी के रनिंग स्टाफ को 14-15 घंटे तक भी लगातार ड्यूटी करनी पड़ जाती है। रेल कर्मचारी लंबे समय से इस व्यवस्था के विरोध में थे। लेकिन, अब जाकर रेलवे बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। झांसी में लगभग एक हजार लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों द्वारा मालगाड़ियों का संचालन किया जाता है।