संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। रेलवे ट्रैक के आसपास गांवों से चलकर पटरी पर आ जाने वाले मवेशियों को ट्रेन से टकराने से रोकने के लिए रेलवे ने अब झांसी-बीना रेलमार्ग पर बाड़ लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर मंडल 97 करोड़ रुपये की लागत से छह फीट ऊंची लोहे की बाढ़ लगाने जा रहा है।
झांसी-दिल्ली, झांसी-कानपुर, झांसी-प्रयागराज और झांसी-बीना रेलमार्ग के आसपास बसे गांवों से गाय-भैंस पटरी तक आ जाते हैं। ऐसे में कई बार यह ट्रेनों के इंजन से टकराकर मर भी जाते हैं। इससे जहां पशुधन का नुकसान होता है तो वहीं, रेलवे को भी इससे राजस्व की हानि पहुंचती है। इसको लेकर लगातार अभियान चलाए जाते हैं और ग्रामीणों को भी समझाया जाता है लेकिन, 2023-24 के आंकड़ों को देखकर समझा भी जा सकता है कि मवेशी कटने की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। ऐसे में रेलवे झांसी-कानुपर और झांसी-धौलपुर के बीच ट्रैक के किनारे लोहे की बाड़ लगाना शुरू कर दिया है। इससे दो खंड तो सुरक्षित हो रहे थे लेकिन, झांसी-बीना रेलमार्ग पर यह व्यवस्था नहीं थी। लेकिन, अब रेलवे बोर्ड ने तीसरी लाइन का काम पूरा होने से पहले झांसी-बीना रेलमार्ग पर 97 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली बाड़ को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब मंडल ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एक साल में ट्रेनों से कटे मवेशी
अप्रैल 2023 151
मई 2023 189
जून 2023 197
जुलाई 2023 188 मवेशी
अगस्त 2023 207 मवेशी
सितंबर 2023 198
अक्टूबर 2023 181
नवंबर 2023 179
दिसंबर 2023 157
जनवरी 2024 139
फरवरी 2024 143
मार्च 133
अप्रैल 165
मई 185
जून 15
जुलाई 145
अगस्त 119 (अब तक)
(रेलवे की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार)
वर्जन
पशुधन की हानि और रेलवे के राजस्व का नुकसान रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने झांसी-बीना रेलमार्ग पर 97 करोड़ से बाड़ लगाने की स्वीकृति प्रदान की है। जल्दी ही इस कार्य के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ रेलवे।