झांसी के भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह में मंच से योगी आदित्यनाथ ने खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती देने की बात कही है। उन्होंने कहा यूपी का जो भी खिलाड़ी खेल में पदक जीत कर लायेगा उसे सरकार सीधी नौकरी देगी।

पदक जीतने वाले को सीधी भर्ती

बृहस्पतिवार को झांसी में भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में अखिल भारतीय विद्या भारती की ओर से आयोजित 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह के समापन अवसर पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह समय खत्म हो गया जब लोग कहते थे कि खेलने-कूदने से समय खराब होता है। आज नया दौर है। खेलकूद में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अपना जीवन सजा एवं संवार सकते हैं। कहा, खेल निखारने में खर्च होने वाले पैसा एवं परिश्रम यूपी सरकार व्यर्थ नहीं जाने देगी। यूपी का जो खिलाड़ी पदक जीतेगा सरकार उसे सीधी भर्ती के जरिए नौकरी देगी। डिप्टी एसपी, कानूनगो, खेल अधिकारी पद सीधे खिलाड़ियों को दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से अंतर राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को दिए जाने वाली पुरस्कार राशि का जिक्र करते हुए कहाकि यूपी सरकार अपने खिलाड़ियों की हरह संभव मदद करेगी। महारानी लक्ष्मी बाई के शौर्य केे साथ ही मशहूर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए युवकों को विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में योगदान देने की बात कही।कार्यक्रम में उन्होंने क्षेत्रीय खेलकूद स्वरों के विजेताओं को सम्मानित भी किया। साथ ही सीएम ने भानी देवी गोयल इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की।

2017 के पहले यूपी बीमारू राज्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की गिनती बीमारू राज्य के तौर पर थी। यहां के लोग जब बाहर जाते थे तब उनको बाहर कर दिया जाता था। अलग-अलग माफिया प्रदेश में सौदेबाजी करते थे। लेकिन अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। मोदी के नेतृत्व में इसके परिणाम सबको दिखाई दे रहे हैं। अब प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जल्द ही देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जाएगा। 

पिछली सरकारों में दंगाई और माफिया थे हावी

सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों में दंगाई और माफिया हावी थे माफिया सौदेबाजी करते थे आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। सीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब 1947 में भारत आजाद हुआ था, उसके बाद से खुद को सेक्युलर दिखने की होड़ सी मच गई। भारत के मूल्यों को गाली देने वाले खुद को सेक्युलर कहने लगे। ऐसे लोगों का मंचों पर सम्मान भी किया गया। जबकि, ऐसे लोग अलगाववाद को बढ़ावा देते थे। 



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