
मेडिकल में जांच करने आई शासन की टीम प्राचार्य एनएस सेंगर से पूछताछ करती हुई
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झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने के कारणों का पता लगाने लखनऊ की चार सदस्यीय टीम सोमवार को पहुंची। मंगलवार को भी टीम ने जांच की। सामने आया है कि विद्युत सुरक्षा विभाग में जून में ही मेडिकल कॉलेज को ऑडिट रिपोर्ट में अनहोनी की आशंका जताई थी।
स्पष्ट कहा गया है कि प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों की फिटिंग हो रही है, जिससे हादसे की आशंका है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि कॉपर वायर का इंसुलेशन कई जगह पर कमजोर है। मेडिकल कॉलेज में लगे ट्रांसफार्मर से लेकर वॉर्ड, ओपीडी आदि स्थानों पर तारों का बिछाया जाल मानक के अनुरूप नहीं है।
सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा सीबी चौबे ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के अंदर तमाम जगहों पर प्रतिबंधित एल्युमिनियम वायर की फिटिंग हो रही है, जो गलत है। इसके बाबत जून में कालेज प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है।
अब यह रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर विद्युत सुरक्षा ने कब्जे में ले ली है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह ने विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सौंपी रिपोर्ट में खामियां मिलने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि दो पन्ने की रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इसको लेकर कालेज प्राचार्य से पूछा है कि इस मामले में क्या कदम उठाए थे और क्या कार्रवाई की।