जिन किसानों ने दो से तीन हफ्ते पहले दलहन व तिलहन की बुआई की है, उन्हें अब बारिश के बाद पहली सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। वहीं, रबी फसल की बोआई की तैयारी में जुटे किसानों को अब पलेवा से भी छुटकारा मिल गया है।

कृषि विभाग के अनुसार साढ़े चार लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई करने का लक्ष्य है। चना, मटर, मसूर व सरसों की बोआई शुरू हो गई है। दलहन व तिलहन की लगभग 15 प्रतिशत बुआई हो चुकी है। किसानों का कहना है कि बारिश ने मुश्किलों को थोड़ा कम कर दिया है। 15 से 20 दिन पहले बोई गई तिलहन की फसल को पानी मिल गया है। किसान नवंबर के पहले सप्ताह से गेहूं की बुआई शुरू कर देंगे। जिन किसानों ने पलेवा नहीं किया है, उन्हें इस बारिश से काफी फायदा होगा।

खलिहान में पड़ी फसल को नुकसान

धान की कटाई शुरू हो गई है। कुछ किसानों ने फसलों को खलिहान में रख दिया है। सोमवार को दिनभर हुई बारिश से इस फसल को नुकसान होने का खतरा है। पानी से धान की बालियां काली पड़ सकती हैं। किसानों ने बताया कि जो फसल कट चुकी है, वह बारिश से गलने लगेगी। जुझार सिंह ने बताया कि उन्होंने तीन एकड़ में धान की फसल बोई थी। कुछ फसल कट चुकी है, कुछ खेतों में खड़ी है। यदि तेज बारिश होती है तो कटी हुई फसल पानी में डूबकर सड़ जाएगी। जितेंद्र ने बताया कि उनकी फसल भी कटाई के बाद खेत में पड़ी है। बारिश के कारण फसल नष्ट होने का डर सता रहा है।

उर्वरक की कमी नहीं

कृषि विभाग का दावा है कि खाद की कमी नहीं है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि रबी फसलों की बुआई के लिए 32,779 मीट्रिक टन खाद आई थी। 10,227 मीट्रिक टन खाद बांटी जा चुकी है और 21 हजार मीट्रिक टन स्टॉक में है।

 



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