Jhansi fire Case Five deaths in showroom JDA fire brigade municipal corporation and administration responsible

Jhansi fire Case
– फोटो : अमर उजाला

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मौत का एक दिन मुअइयन है। नींद क्यों रात भर नहीं आती। शायर ने तो यह शायरी में कहा पर गुनहगारों के सीने में अगर वाकई दिल धड़कता होगा तो उन्हें महीनों नींद नहीं आएगी। पांच मौतों का बोझ उनके सीने को बोझिल करता रहेगा। कौन हैं यह गुनहगार जिन्होंने लाक्षागृह जैसी खतरनाक बिल्डिंग का नक्शा पास किया। 

आग से लड़ने के इंतजाम न होने के बावजूद जिन्होंने कार्रवाई नहीं की। सोमवार की साप्ताहिक बंदी होने के बावजूद जिन्होंने बाजार खुलने दिया। देश के हर बड़े अग्निकांड के बाद होने वाली लोकल पड़ताल में जो सोये रहे। और वे बिल्डिंग मालिकान, जिन्होंने अपने भवन में आने वालों की जिंदगी को आग में झोंकने वाली लापरवाही बरती।

बेपरवाह नंबर-01: झांसी विकास प्राधिकरण

झांसी विकास प्राधिकरण की स्वीकृति लिए बगैर महानगर में लोगों के लिए छोटा सा मकान बनाना भी आसान नहीं होता है। लेकिन, सीपरी बाजार में जेडीए से बगैर इजाजत लिए दो बड़ी इमारतें खड़ी कर दीं गईं। इनमें सरकार के भवन निर्माण के नियमों का कतई पालन नहीं किया गया था। 

न तो इमारतों के तीनों और मानक के अनुसार खुली जगह छोड़ी गई थी और न ही प्रवेश-निकासी के अलग-अलग रास्ते बनाए गए। सीपरी बाजार के मुख्य मार्ग पर स्थित इन इमारतों में धड़ल्ले से कारोबार चलते रहे। बावजूद, जेडीए की ओर इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया गया।



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