मेडिकल कॉलेज में पुस्तकालय, सभागार, परीक्षा भवन और 272 बेड के छात्रावास के लिए 55.31 करोड़ रुपये शासन ने मंजूर किए हैं। पहली किस्त के रूप में 19.36 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था को जारी हो गए हैं। दावा किया जा रहा है कि नवंबर में निर्माण काम शुरू हो जाएगा।
गेट नंगर तीन के पास बनेगी बहुमंजिला बिल्डिंग
मेडिकल कॉलेज में पुस्तकालय और सभागार हैं लेकिन एमबीबीएस, एमएस व एमडी की सीटों के अनुसार इनकी क्षमता नहीं हैं। वहीं, महिला छात्रावास में भी पर्याप्त स्थान नहीं है। इस वजह से ज्यादातर छात्राएं पैरा मेडिकल परिसर में बने हॉस्टल में रहती हैं। मेडिकल कॉलेज और पैरा मेडिकल कॉलेज के बीच करीब डेढ़ किमी की दूरी है। इससे छात्राओं को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। इन समस्याओं को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को गेट नंबर तीन के पास बहुमंजिला बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव भेजा था। इसमें कॉन्फ्रेंस हॉल और परीक्षा भवन का भी प्रस्ताव था। इसे शासन ने निरस्त कर दिया। तर्क दिया कि लाइब्रेरी और मिनी ऑडिटोरियम के साथ परीक्षा भवन नहीं बन सकता है। इसलिए इनका अलग-अलग प्रस्ताव भेजा जाए।
नवंबर से निर्माण कार्य शुरू
इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 2145.76 वर्ग मीटर में पुस्तकालय और सभागार बनाने की योजना तैयार की। इसके अलावा, 871.95 वर्ग मीटर में परीक्षा भवन बनाने के लिए 28.43 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी भेजा। इस पर शासन ने स्वीकृति देते हुए काम शुरू कराने के लिए प्रथम किस्त के रूप में 9.95 करोड़ रुपये भेज दिए। वहीं, 272 बेड के महिला छात्रावास का 26.88 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत करने के साथ ही पहली किस्त के रूप में 9.41 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। 26 अक्तूबर को निविदा खोली जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि शासन ने जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कहा है। प्रधानाचार्य डॉ. मयंक सिंह का कहना है कि कार्यदायी संस्था के अनुसार, नवंबर से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
मरीजों के लिए लगेंगी चार नई लिफ्ट
शासन ने मेडिकल कॉलेज में खराब लिफ्टों की जगह नई लिफ्ट लगाने का फैसला किया है। इसलिए कॉलेज प्रशासन ने वार्ड में दो, ओपीडी व प्रशासनिक भवन में एक-एक लिफ्ट लगाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। आठ अक्तूबर को अमर उजाला ने लिफ्टें खराब होने से रोगियों को होने वाली समस्या को उठाया था। इस पर प्रधानाचार्य डॉ. मयंक सिंह का कहना है कि शासन से जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इसके बाद काम शुरू करा दिया जाएगा। अमर उजाला ने 26 सितंबर 2024 को भी नौ माह से वार्डों व ओपीडी की लिफ्टें खराब होने की खबर प्रकाशित की थी। इस पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 27 सितंबर को तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. एनएस सेंगर को लिफ्टें चालू कराने के निर्देश दिए थे। यही भी कहा कि लिफ्ट की मरम्मत करने वाली कंपनी को काली सूची में डाला जाए। इसके बाद मरम्मत कराई गई लेकिन लिफ्ट ठीक से काम नहीं करती है। ओपीडी की लिफ्टें एक भी दिन नहीं चलीं।
