झांसी। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद एवं शूटर गुलाम के एनकाउंटर की जांच करने बुधवार दोपहर राज्य सरकार की ओर से गठित दो सदस्यीय जांच आयोग की टीम झांसी पहुंची। टीम ने बड़ागांव स्थित पारीछा थर्मल पावर के पास घटना स्थल का करीब एक घंटे तक मुआयना किया। इसके बाद मुठभेड़ में शामिल एसटीएफ अफसरों से पूछताछ भी की।
दो सदस्यीय जांच दल में अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मल्होत्रा एवं सेवानिवृत्त डीजीपी वीके गुप्ता शामिल हैं। इनके साथ एसएसपी राजेश एस, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह, सीओ प्रज्ञा पाठक समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसर भी मौके पर थे। जांच दल के सदस्यों ने सबसे पहले पूरे घटना स्थल का पैदल ही मुआयना किया। इसके साथ ही मुठभेड़ के दौरान फायरिंग रेंज के भीतर आने वाली दूरी को भी परखा। टीम के सदस्यों ने घटना स्थल की ओर आने-जाने वाले सभी रास्तों को भी बारीकी से देखा। टीम घटनास्थल पर करीब एक घंटे तक मौजूद रही। इस दौरान मुठभेड़ में शामिल एसटीएफ अफसरों से भी पूछताछ हुई। यहां से जांच दल के सदस्य बड़ागांव थाने पहुंचे। यहां करीब चालीस मिनट रुके रहे। इस दौरान किसी को भी थाने के भीतर जाने नहीं दिया गया।
मीडिया प्रतिनिधियों को भी बाहर ही रोक दिया गया था। काफी इंतजार के बाद जब सदस्य बाहर निकलकर आए तब भी मीडिया प्रतिनिधियों से बिना कोई बात किए ही रवाना हो गए। 13 अप्रैल को बड़ागांव थाने के पारीछा बांध के पास उमेश पाल हत्याकांड में पांच लाख के वांछित बदमाश असद एवं शूटर गुलाम को एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज की है। वहीं, राज्य सरकार भी इस मामले की अपने स्तर से जांच करा रही है।