झांसी। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर में मारे जाने के चौदह दिन बाद भी सात सवालों के जवाब एजेंसियां नहीं तलाश पाईं हैं। मुठभेड़ के दौरान असद केे पास से एक मोटर साइकिल बरामद हुई थी लेकिन, 14 दिन बाद भी यह मालूम नहीं चल सका कि उस बाइक का असली मालिक कौन है। किसने यह बाइक असद को दी। असद के जिस रास्ते से आगे भागने की बात कही जा रही उसको लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। इन्हीं सब सवालों के जवाब बुधवार को यहां पहुंचे जांच दल के सदस्यों ने भी तलाशे हालांकि पुलिस अधिकारी अभी जांच जारी होने की बात कहकर इस बारे में कुछ भी बोलने को लेकर राजी नहीं हैं।

बड़ागांव के पारीछा थर्मल पावर प्लांट के पास 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी बदमाश असद और गुलाम को मार गिराया था। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक दोनों बदमाश उस समय बजाज डिस्कवर गाड़ी पर सवार होकर मोंठ से झांसी जा रहे थे। असद एक दिन पहले चिरगांव पहुंचा था। यह बाइक उनको कैसे मिली, इस बारे में 14 दिन बाद भी पुलिस कुछ बताने को राजी नहीं। यह बाइक बड़ागांव थाने के भीतर खड़ी है। उसका चेसिस नंबर किसी नुकीली चीज से खुरच कर नष्ट कर दिया गया है। इससे बाइक का चेसिस नंबर पढ़ने में नहीं आ रहा। बाइक का लॉक भी टूटा है। इस वजह से बाइक चाभी से स्टार्ट नहीं हो सकती। बाइक को स्टार्ट करने के लिए तार काटकर नीचे से जोड़ा गया है लेकिन, यह बाइक असद के हाथ कैसे आई इस बारे में पुलिस कुछ भी नहीं बता रही है। वहीं, जिस रास्ते से असद और गुलाम भागने की कोशिश कर रहे थे, उस रास्ते को लेकर भी कई सारे सवालों का जवाब अभी तक एसटीएफ एवं पुलिस ने नहीं दिया है। पुलिस ने पहले दोनों बदमाशों ने चिरगांव के पास एक पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरवाने की बात कही गई लेकिन, बाद में उसने पेट्रोल पंप के बारे में भी बताने से इंकार कर दिया। बुधवार को इस पूरे मामले की जांच करने पहुंंचे दल ने ऐसे ही कई सारे सवालों के बारे में एसटीएफ अफसरों से भी पूछताछ की। पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच लंबित होने की वजह से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया जा सकता।

अब तक अनसुलझे हैं यह सात सवाल

– झांसी में किसकी मदद से असद ने बनाया था अपना ठिकाना

– आखिर वह कौन मददगार था जिसने पांच लाख के इनामिया बदमाश को दी थी मोटर साइकिल

– मोटर साइकिल का चेसिस नंबर किसने खुरचकर बिगाड़ा

– एनकाउंटर से ठीक एक दिन पहले चिरगांव में किसके यहां ठहरा था असद

– मोंठ से झांसी के रास्ते में पुलिस पहले उसके रास्ते में ठहरकर पेट्रोल भरवाने की बात कहती रही लेकिन, उसके बाद उसने इस थ्योरी पर जोर नहीं दिया जबकि इस पूरे रास्ते में कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। आखिर किस वजह से पुलिस ने अपनी इस थ्योरी को छोड़ दिया।

– गुड्डू मुस्लिम के झांसी से फरार होने के कुछ समय बाद ही असद एनकाउंटर में यहां ढेर हुआ। आखिरकार इस मामले का आपस में कोई कनेक्शन है।



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