झांसी। उम्मीद के मुताबिक फसल पैदा न होने से दुखी एक किसान की मां ने विषाक्त पदार्थ खाकर जान दे दी। उसके परिवार पर तकरीबन चार लाख रुपया का कर्ज था। ऐसे मेंं चार एकड़ खेत में मात्र तीन बोरा सरसों की पैदावार होने से महिला ने मौत को गले लगा लिया।

मऊरानीपुर के मढ़ा गांव निवासी धीरेंद्र के पिता जग्गू की मौत करीब चार साल पहले हो गई थी। उसके बाद से धीरेंद्र खेती संभालता था। उसकी मां सीमा (49) भी उसकी मदद करती थी। इस सीजन में उसने चार एकड़ खेत में सरसों की बुवाई की थी लेकिन, मौसम खराब होने से पैदावार अच्छी नहीं हुई। पिछले दिनों कटाई करने पर मात्र तीन बोरा सरसों ही हाथ आई जबकि आम तौर पर 10-12 बोरा सरसों मिलती थी।

परिवार पर करीब चार लाख रुपये का कर्जा भी था। मां-बेटे को उम्मीद थी कि फसल अच्छी होने पर वह यह कर्जा चुका सकेंगे। धीरेंद्र का कहना है उम्मीद के मुताबिक फसल न होने से मां सीमा परेशान रहने थीं। बृहस्पतिवार को परिवार के लोग बाहर गए थे। उसी दौरान मां ने विषाक्त पदार्थ खा लिया। रात में जब वह लौटकर आया तब मां सीमा बिस्तर पर अचेत पड़ी थीं। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहां शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।



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