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– डॉक्टर बोले- परिवार में किसी को है बीमारी तो जरूर कराएं जांच

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पिछले दो सालों में हेपेटाइटिस संक्रमितों के चलते उनके 50 अपने भी इस बीमारी की चपेट में आ गए। ये आंकड़े तो सिर्फ मेडिकल कॉलेज के हैं। जबकि, निजी अस्पतालों में उपचार कराने वाले ऐसे मरीजों की संख्या और अधिक हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि परिवार में किसी को ये बीमारी है तो अन्य सदस्यों को जांच जरूर करानी चाहिए।

मेडिकल कॉलेज में पिछले दो सालों में हेपेटाइटिस बी के 350 मरीज पंजीकृत हुए। इनमें 250 का इलाज अभी चल रहा है। वहीं, हेपेटाइटिस सी के 120 मरीज पंजीकृत हुए, जिसमें 70 का इलाज चल रहा है। दोनों ही बीमारियों के आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि हेपेटाइटिस की बीमारी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के संपर्क में आने या फिर तौलिया, टूथब्रश आदि वस्तु का इस्तेमाल करने से भी फैल सकती है। कॉलेज में दो सालों में 50 ऐसे केस आए, जो अपने परिवार के ही किसी संक्रमित व्यक्ति की वजह से हेपेटाइटिस का शिकार हुए। इसलिए यदि परिवार में किसी को ये बीमारी है तो उसकी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। जांच भी जरूर करवाएं।

गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. धनंजय सक्सेना ने बताया कि हेपेटाइटिस का मतलब लिवर में सूजन आना है। हेपेटाइटिस बी और सी होते हैं। इसलिए अपने लिवर को स्वस्थ रखना और हेपेटाइटिस की जांच कराना जरूरी है। हेपेटाइटिस बी की रोकथाम के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। एक बार संक्रमित होने के बाद भी इसका इलाज दवाइयों से किया जा सकता है। वहीं, हेपेटाइटिस सी का भी आधुनिक दवाइयों से सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

ऐसे फैलता है संक्रमण

– एक व्यक्ति का खून दूसरे के संपर्क में आने से

– संक्रमित उस्तरा से दाढ़ी बनवाने पर

– असुरक्षित यौन संबंध बनाने से

– एक ही सुई से इंजेक्शन लगवाने से

– संक्रमित खून चढ़वाने से

– संक्रमित व्यक्ति का टूथ ब्रश, तौलिया इस्तेमाल करने से



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