अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। नगर निगम और पशुपालन विभाग के बीच पशु चिकित्सालय की जमीन को लेकर पेच फंस गया है। नगर निगम ने इलाइट चौराहे के पास पशु चिकित्सालय की जमीन पर पार्किंग बना दिया लेकिन, करीब डेढ़ साल बाद भी पशुधन विभाग को दूसरी जमीन नहीं दे सका। पशु चिकित्सालय के लिए रखे गए ढाई करोड़ रुपये भी दूसरे काम में खर्च कर दिए। इस वजह से पशु चिकित्सालय का काम शुरू नहीं हो पाया। नगर निगम अफसरों की लापरवाही से परेशान पशुपालन विभाग ने अब शासन को पत्र भेजकर दखल की मांग की है।

स्मार्ट सिटी मिशन की मदद से इलाइट चौराहे के पास नगर निगम मल्टीलेवल पार्किंग बनवा रहा है। पहले यहां जिला पशु चिकित्सालय था। निगम प्रशासन ने पशुधन विभाग को इसके एवज में दूसरी जमीन का वादा किया था। कुछ समय बाद पंचवटी कॉलोनी के पास एक एकड़ जमीन भी दी लेकिन, यह जमीन एक व्यक्ति की पैतृक संपत्ति निकली। विवाद होने पर निगम को यह जमीन छोड़नी पड़ी। इसकी जगह लहर गिर्द में जमीन दी गई लेकिन, यहां भी विवाद होने लगा। इस तरह पिछले करीब डेढ़ साल से पशुपालन विभाग को अपने अस्पताल के लिए जमीन ही नहीं मिली। नगर निगम महानगर के बाहरी इलाके में जमीन देना चाहता है लेकिन, पशुपालन विभाग इसके लिए राजी नहीं है। उसका कहना है कि दस किलोमीटर के दायरे के भीतर ही अस्पताल होना चाहिए।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.अशोक कुमार के मुताबिक अस्पताल बनने में आने वाली परेशानी से शासन को अवगत कराया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों से भी इस बारे में बात की गई है।



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