फाइल फोटो
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। चिरगांव में विवाहिता के आत्महत्या मामले की गुत्थी उलझ गई। परिजनों का कहना है कि महज दो माह पहले शादी हुई थी। उसके बाद से विवाहिता मायके में रहती थी। सिर्फ आठ दिन पहले वह ससुराल आई। इसी दौरान उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। पुलिस भी इसी गुत्थी में उलझी है। उधर, मायके पक्ष के लोग विवाहिता की हत्या का आरोप लगा रहे हैं।
महोबा के चिरबुरा गांव निवासी लेखराज की पुत्री मधु की 21 मई 2023 को चिरगांव निवासी शिवम राजपूत से शादी हुई थी। अधिकांश समय वह मायके रहती थी। 8 दिन पहले वह यहां आई थी। सोमवार को उसका पति शिवम स्कूल में पढ़ाने चला गया, उसी दौरान मधु ने घर मेंं फांसी लगा ली। मंगलवार को मधु के परिजनों ने पुलिस से गुहार लगाते हुए उसकी मौत को संदिग्ध बताया। पिता लेखराज का कहना है कि जहां उसकी लाश मिली, उसकी ऊंचाई बेहद कम है। उनका आरोप है कि शादी के बाद से मधु को उसका पति परेशान करता था। मधु को मोबाइल भी नहीं रखने देता था। मायके वालों से बात करने के लिए अपना मोबाइल देता था। हर बात को रिकॉर्ड करता था। चिरंगाव इंस्पेक्टर जेपी पाल के मुताबिक मायके से कुछ दिन बाद ही ससुराल आकर फांसी लगाने की वजह साफ नहीं हुुई है। मामले की छानबीन की जा रही है।