अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। मानसूनी सीजन आधा बीत चुका लेकिन, बुंदेलखंड के 18 बांध अभी पचास फीसदी तक खाली हैं। इनमें पानी का न भरना आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। इन्हीं बांधों से बुंदेलखंड के लाखों किसानों को न सिर्फ रबी सीजन में सिंचाई का पानी मिलता है बल्कि लाखों लोगों की प्यास भी इनसे बुझती है। सिंचाई अभियंताओं का कहना है बांध न भरने से सिंचाई के लिए पानी दे पाना मुश्किल हो जाएगा। तमाम इलाकों में पीने के पानी का संकट भी खड़ा होगा।

यूपी में सर्वाधिक 26 बांध झांसी मंडल में हैं। इनमें 13 बांध ललितपुर में जबकि 13 बांध ही झांसी में स्थित हैं। मानसूनी सीजन आधा बीत जाने के बाद भी झांसी के 8 बांध एवं ललितपुर के 10 बांध पचास फीसदी भी नहीं भर सके हैं। सिंचाई अभियंताओं के मुताबिक यह सभी बांध बेतवा, धसान, केन, पहूंज जैसी नदियों से भरते हैं लेकिन, इस दफा पूरे बुंदेलखंड से ही मानसून रूठा है। जून माह में बेतवा एवं सुखनई नदी में पानी आने से राजघाट (53.79 प्रतिशत) और माताटीला बांध (70.17 प्रतिशत) भर गए हैं। वहीं, सपरार, पथरई, सिजार, उर्मिल जैसी छोटी बरसाती नदियों पर बने बांध नहीं भर सके। सिंचाई विभाग के एक्सईएन मो.फरीद का कहना है अभी एक महीने का समय है। इस समय में इन बांधों के भर जाने की उम्मीद है। अगर यह नहीं भरे तब खेती-किसानी पर भी संकट खड़ा हो जाएगा।

छह साल से नहीं भर सका सपरार बांध

मऊरानीपुर में सपरार नदी पर स्थित सपरार बांध आखिरी बार वर्ष 2017 में भरा गया था। इसके बाद से यह अब तक नहीं भरा जा सका। इस दफा भी महज 40.93 प्रतिशत ही पानी भर सका। सिंचाई अभियंताओं के मुताबिक सपरार नदी का कैचमेंट इलाका टीकमगढ़ के आसपास का है, लेकिन बारिश न होने से यह बांध नहीं भर पाता।

झांसी के यह बांध अभी तक खाली

बांध पानी की उपलब्धता (प्रतिशत में)

सिजार 8.68

खपरार 29.30

कुरार 30.01

डोंगरी 37.29

लखेरी 39.79

सपरार 40.93

बड़वार 42.08

पथरई 49.30

ललितपुर के यह बांध रह गए खाली

बांध पानी की उपलब्धता (प्रतिशत में)

उटारी 16.04

गोविंद सागर 38.72

शहजाद 28.77

जामनी 39.65

सजनम 41.84

रोहिणी 40.05

बंडई 29.73

कचनोदा 24.31

जमरार 27.40

भावनी 32.16



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