– एक जनवरी 2022 में होनी थी लागू, शासन में अटका पड़ा है ड्राफ्ट
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। आने वाले 10 सालों में महानगर में होने वाले बदलाव के मद्देनजर तैयार की गई महायोजना 2031 लेटलतीफी का शिकार हो गई है। जुलाई 2022 में महायोजना के प्रकाशन के बाद जेडीए ने लोगों की आपत्तियां मांगी थीं। इसको साल भर बीत गया है और इसका ड्राफ्ट शासन स्तर पर लटका हुआ है।
झांसी विकास प्राधिकरण को महायोजना 2031 को जनवरी 2022 से लागू करना था। लेकिन लेटलतीफी के चलते महायोजना के पहले ड्राफ्ट का प्रकाशन ही जून में हो सका। इसके तहत झांसी का दायरा 90 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 160 वर्ग किलोमीटर किया गया। आवासीय क्षेत्र के रकबे में 35 फीसदी की बढ़ोतरी की गई। महायोजना में 62 नए गांवों को भी शामिल किया गया। महायोजना के प्रकाशन के बाद अफसरों ने लोगों से 27 और 28 जुलाई को आपत्तियां मांगी। करीब पौने नौ सौ आपत्तियां दर्ज हुईं। सबसे ज्यादा आपत्तियां ग्रीन बेल्ट को आवासीय और आवासीय भूमि को व्यावसायिक कराने को लेकर आईं। इन आपत्तियों का निस्तारण करने में जेडीए अफसरों के पसीने छूट गए। तीन महीने पहले जेडीए ने शासन को महायोजना का ड्राफ्ट तैयार करके भेज दिया, जिसको अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है।
रुका पड़ा 62 गांवों का विकास कार्य
महानगर महायोजना को मंजूरी न मिल पाने से 62 गांवों में विकास कार्य रुका पड़ा है। महायोजना की मंजूरी के बाद ही 62 गांवों में लेआउट पास हो जाएगा। इन्वेस्टर समिट में आए कई प्रोजेक्ट भी तभी शुरू हो पाएंगे।
महानगर महायोजना का ड्राफ्ट शासन को भेजा जा चुका है। अगस्त में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।- आलोक यादव, उपाध्यक्ष, जेडीए।