अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। राज्य कर विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए गड़बड़ी पकड़कर पांच हजार व्यापारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे छह साल पहले दाखिल किए गए रिटर्न का हिसाब मांगा गया है। कारोबारियों को ब्याज और जुर्माने के साथ बकाया कर अदा करने की चेतावनी दी गई है।
जुलाई 2017 में जीएसटी की व्यवस्था लागू की गई थी, जबकि इससे पहले व्यापारी हर महीने फार्म 24 पर खरीद-बिक्री का ब्योरा विभाग के पास जमा करते थे। जबकि, टैक्स चालान के जरिये बैंक में जमा किया जाता था। जीएसटी लागू होने के बाद व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई। इससे रिटर्न दाखिल करने में व्यापारियों से तमाम गड़बड़ियां हो गईं। इसके अलावा शुरुआत में जीएसटी पोर्टल भी बहुत एडवांस नहीं था, जिससे व्यापारियों को और भी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, तब विभाग की ओर से शुरुआती गड़बड़ियों की अनदेखी का व्यापारियों को भरोसा दिया गया था। लेकिन, हाल ही में विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की व्यवस्था लागू की गई। एआई के जरिये पांच हजार व्यापारी ऐसे सामने आए हैं, जिनका वित्तीय वर्ष 2017-18 में तय से कम टैक्स जमा होना पाया गया। साथ ही व्यापारियों की ओर से दिया गए डाटा का विभाग के पास उपलब्ध डाटा से मिलान भी नहीं हो पाया। इस पर सभी व्यापारियों को विभाग की ओर से नोटिस जारी कर दिए गए हैं। उन्हें ब्याज और जुर्माने के साथ छह साल पुराना कर अदा करने की चेतावनी दी गई है। इसे लेकर अब व्यापारी परेशान हैं। वह अपना पुराना रिकॉर्ड खंगालने में जुटे हुए हैं। साथ ही वे विभाग के भी चक्कर काट रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये गड़बड़ियां सामने आईं हैं। इस पर व्यापारियों को नोटिस जारी किए गए है। उनके डेटा का मिलान किया जा रहा है। कमियां दूर करने पर तमाम व्यापारियों को राहत मिल जाएगी।
– धीरेंद्र प्रताप, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-न झांसी जोन
विभाग की ओर से छह साल बाद नोटिस जारी किए गए हैं। यह उस समय की कमियों पर जारी किए गए हैं, जबकि जीएसटी की शुरुआत हुई थी। तब व्यापारियों को छोटी-मोटी कमियों की अनदेखी करने का भरोसा दिया गया था, लेकिन अब नोटिस जारी कर दिए गए।
– रामेश्वर राय, अध्यक्ष-झांसी टैक्स बार एसोसिएशन
दो प्रदेशों में ही लागू है एआई
झांसी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी देश के दो राज्य उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में ही लागू की गई। उप्र में यह जुलाई माह में शुरू हुई। इसके बाद छह साल पहले दाखिल किए गए रिटर्नों में गड़बड़ियां पकड़ी गईं। इसके बाद विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए।