संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Updated Tue, 18 Jul 2023 01:33 AM IST
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। पिछले पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी गैर अनुदानित मदरसों के शिक्षकों को मानदेय (केंद्रांश) अदा नहीं किया गया है। जिसके चलते जिले के चार मदरसा संचालकों ने मरदसे बंद करने के लिए आवेदन किया है। जबकि मानदेय नहीं मिलने के कारण जिले के बारह मदरसों में शिक्षकों ने पढ़ाना ही बंद कर दिया गया है। जिससे यू-डाइज पोर्टल पर जिले के 16 मदरसों में बच्चों की संख्या शून्य होने पर मदरसों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जिले में पांच मदरसे सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं। जबकि गैर अनुदानित मदरसों की संख्या 225 है। गैर अनुदानित मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। जिसके तहत बीए डिग्री धारक को प्रतिमाह आठ हजार तथा बीएड डिग्री धारक शिक्षक को 15 हजार रुपये अदा किए जाते हैं। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा छह से 12 हजार और राज्य सरकार द्वारा दो से तीन हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। पिछले पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शिक्षकों को केंद्राश का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके चलते जिले के 12 मदरसों में शिक्षकों ने पढ़ाना ही बंद कर आजीविका चलाने के लिए अन्य काम करना शुरू कर दिया है। यू-डाइज पोर्टल पर 16 मदरसों ने अपडेट नहींं किया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप निदेशक मोहम्मद तारिक ने बताया कि जिले के चार मदरसा संचालकों ने मदरसे बंद करने के लिए आवेदन किया है। जबकि जिले के 12 मदरसों में बच्चों की संख्या शून्य पाई गई है। इन सभी को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।