अमर उजाला ब्यूरो

मऊरानीपुर। इस मानसूनी सीजन में पहली दफा चौधरी चरण सिंह लखेरी बांध को अधिकतम 185 मीटर ऊंचाई तक भरा जाएगा। दरअसल किसानों के साथ चल रहे विवाद के कारण इस बांध को क्षमता के अनुसार भरा नहीं जा रहा था। प्रशासन ग्रामीणों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कर रहा था मगर ग्रामीण राजी नहीं हो रहे थे। लेकिन अब शासन की मध्यस्तता के बाद बीच का रास्ता निकल आया है और ग्रामीण अपना गांव छोड़कर नई बसावट वाले स्थान पर जाने को राजी हो गए हैं।

मऊरानीपुर के लखेरी गांव के पास 2003 से चौधरी चरण सिंह लखेरी बांध का निर्माण आंरभ हुआ था। इसकी मदद से किशोरपुरा, तुर्क लहचूरा, कुटैरा समेत 36 गांवों की 3168 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित की जानी थी लेकिन, पिछले करीब पांच साल से पुनर्वास प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद से यह बांध भरा नहीं जा सका। पिछले एक साल से ग्राम बुढई, रेवन, बछेरा के लोग मुआवजा को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस वजह से उन्होंने अपने गांव भी खाली नहीं किए। सिंचाई अफसरों ने वार्ता के बाद रेवन, बछेरा के लोगों को मना लिया लेकिन, बुढई गांव के लोग मुआवजा की नई शर्त लागू करने की मांग कर रहे थे। उनके विरोध के बाद मंडलायुक्त की ओर से शासन को पत्र भेजा गया था। काफी समय तक यह मामला शासन में उलझा रहा लेकिन, कुछ माह पहले शासन ने भी नई मुआवजा शर्त मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद बुढई के लोगों के पास कोई रास्ता नहीं रह गया। वहीं, सिंचाई महकमा अब बांध को भरने की तैयारी में है। सिंचाई निर्माण खंड पंचम के अधिशासी अभियंता सिद्धार्थ कुमार सिंह के मुताबिक सभी पात्र किसानों को मुआवजा राशि दे दी गई है। इस सीजन में सभी गांव को खाली कराकर बांध को 185 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक भरा जाएगा।

बांध से 3168 हेक्टेयर जमीन को होगी सिंचाई

लखेरी बांध के 185 मीटर तक भरने के बाद इसके पानी से कुल 3168 हेक्टेयर असिंचित जमीन को सिंचित किया जा सकेगा। सिंचाई के लिए 12 किलोमीटर लंबी नहर निकली हुई। इसके पानी से महेवा, किशोरपुरा, रेवन, बुढाई, बछेरा, गढ़वापुरा, देवरा, विक्रमपुरा, कुटौरा, छिनौरा, कछियामऊ, पसौरा, लहचूरा के आसपास के खेतों तक पानी पहुंचाया जा सकेगा। पिछले बार कुछ इलाकों तक रबी सीजन में पानी पहुंचाया गया था।



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