अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। रविवार सुबह शिवाजी नगर की राजपूत कॉलोनी में एक प्रतियोगी छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसके कान में ब्लूटूथ डिवाइस लगी हुई थी। उससे मोबाइल कनेक्ट था लेकिन, पैटर्न लॉक होने से मोबाइल खुल नहीं सका। पिछले 24 घंटे से कमरे से बाहर नहीं निकला था। सुबह दरवाजा खोलने पर वह पंखे पर गमछे के फंदे से लटका था। कमरे से पुलिस को कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। परिजनों ने भी सुसाइड की वजह से अनभिज्ञता जताई है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।

मूल रूप से जालौन के काेंच स्थित गोवर्धनपुरा गांव निवासी रितिक पटेल (20) पुत्र महेंद्र शिवाजी नगर में सुरेंद्र प्रकाश के यहां किराए का कमरा लेकर रहता था। परिजनों के मुताबिक रितिक पिछले तीन साल से झांसी में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा था। पड़ोस के लोगों का कहना है कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे वह अंतिम बार दिखा था। इसके बाद वह कमरे से बाहर नहीं निकला। रविवार को भी बाहर न आने पर मकान मालिक ने उसे आवाज दी। जवाब न मिलने पर आसपास के लोगों की मदद से जब उन्होंने दरवाजा खोला तब उसका शव गमछे के सहारे पंखे से लटका हुआ था। सूचना मिलने पर पिता महेंद्र समेत उसके अन्य परिजन पहुंच गए। पिता के मुताबिक 24 अगस्त को रितिक उरई आया था। यहां उसने डीएल के लिए अपना फार्म भरा। कुछ देर घर पर ठहरने के बाद झांसी आ गया। उसके सुसाइड करने की वजह पिता भी नहीं बता पाए। सूचना मिलने पर नवाबाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। नवाबाद इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्र के मुताबिक रितिक के कान में ब्लूटूथ डिवाइस लगी थी। मोबाइल में पैटर्न लॉक लगा था। इस वजह से मोबाइल खुल नहीं सका। मामले की छानबीन कराई जा रही है।

इनसेट

मोबाइल में दफन मौत का राज

रितिक के फांसी लगाकर जान देने की बात से मां-बाप को गहरा सदमा लगा। रितिक इकलौता पुत्र था। पिता महेंद्र के मुताबिक वह पढ़ने-लिखने में होशियार था। कुछ समय पहले उसने आईटीआई पास कर लिया था। उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। ऐसे में परिजन भी उसके आत्मघाती कदम की वजह नहीं समझ पा रहे। परिजनों ने भी मोबाइल की छानबीन कराने की जरूरत बताई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद मोबाइल पैटर्न खोलकर छानबीन करने की बात कही है।



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