अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। सड़कों के गड्ढों पर पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद महकमे इनसे राहगीरों को निजात नहीं दिला पा रहे। पिछले आंकड़ों के आधार पर जनपद की सड़कों में दो हजार गड्ढे अनुमानित हैं। अब इनको भरने के लिए पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, जिला पंचायत अपने-अपने स्तर से कार्य योजना तैयार करने में जुटे हैं।
पिछले दो साल के दौरान सिर्फ सड़कों को बनाने एवं उनकी मरम्मत के नाम पर पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, जिला पंचायत करीब 150 करोड़ रुपये की मोटी रकम खर्च कर चुका। इस रकम से शहरी समेत ग्रामीण इलाकों की सड़कें दुरुस्त कराई गईं लेकिन, मौजूदा समय में न शहरी इलाकों की सड़कों की सेहत दुरुस्त हुई न ग्रामीण इलाकों की। नारायण बाग के रास्ते में गड्ढे ही गड्ढे हैं। कई साल से इसका एक हिस्सा खराब पड़ा है। आईटीआई से खालासा स्कूल की सड़क भी खराब है। फिल्टर रोड भी गड्ढों से भरी है। पठौरिया से डीएवी स्कूल के सामने की सड़क का भी यही हाल है। बारिश में गड्ढों में पानी भर जाता है। इससे दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। नगरा इलाके में भी सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। इसी तरह शिवाजी नगर, नई बस्ती, लहर गिर्द, ओरछा गेट के बाहर, पिछोर, हीरापुर, नैनागढ़, अलीगोल में भी सड़कें गड्ढों से भरी हुई है। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता बीएल सिंह का कहना है कि जहां गड्ढे हैं, उनको चिन्हित करके दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सड़कों की रखरखाव का बजट सालाना
पीडब्यूडी- 10 करोड़
नगर निगम- 2.5 करोड़
जिला पंचायत- 4 करोड़
सिंचाई विभाग-25 लाख
मंडी परिषद- 10 लाख
राज्य निर्माण निगम- 10 लाख