अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। रानी लक्ष्मीबाई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के सभापति के प्रत्याशी को लेकर भाजपा में खींचतान चार महीने बाद भी खत्म नहीं हो सकी है। पार्टी के दो धड़े अपने-अपने समर्थक को सभापति बनाने पर अड़े हैं। लखनऊ तक सिफारिशों का दौर जारी है। सभापति का चुनाव बुधवार को होना है।

बीती 19 जनवरी को अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर के 12 पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया हुई थी। इसमें भाजपा का दबदबा रहा और सभी निदेशक बीजेपी के ही चुने गए। फिर 27 जनवरी को सभापति का चुनाव होना था, मगर पार्टी में दो फाड़ हो गए। प्रदेश से लेकर जिला तक के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि अलग-अलग गुटों में बंट गए। मामले में सरकार के एक मंत्री तक को दखल देना पड़ा। उन्होंने अधिकारियों को फोन करके एक निदेशक का नाम लेकर उन्हें ही सभापति का नामांकन पर्चा देने के निर्देश दिए।

दूसरे गुट के लोगों को जब यह पता चला तो उन्होंने संगठन के बड़े नेताओं तक सिफारिश लगाई। फिर चुनाव टालना पड़ गया। फिर सभापति के निर्वाचन की अगली तिथि 19 मार्च घोषित की गई। इस बार भी भाजपा नेता प्रत्याशी को लेकर एकराय नहीं हो पाए। कोई नामांकन पत्र नहीं आने पर फिर से चुनाव को स्थगित कर दिया गया। अब 14 जून को सभापति का चुनाव होना है। चुनाव को एक दिन ही बचा है। इसके बावजूद अब तक सभापति का नाम तय नहीं हो पाया है। दोनों गुटाें के नेता लखनऊ तक सिफारिश लगा रहे हैं।

सरकार और संगठन में किसका रहेगा दबदबा

सभापति के लिए दो धड़ों में बंटी भाजपा में एक गुट के साथ सरकार के मंत्री हैं तो दूसरे गुट के साथ संगठन के बड़े नेता। अब देखने वाली बात ये है कि सरकार और संगठन के नेताओं में से किसका दबदबा रहता है। जिस गुट की भी चलेगी, वो अपना सभापति बनवाने में कामयाब हो जाएगा।

वर्जन..

सभापति के लिए चार नामों का पैनल प्रदेश नेतृत्व को भेजा जा चुका है। वहां से जिसका भी नाम फाइनल होगा, वो ही निर्विरोध सभापति निर्वाचित हो जाएगा। पार्टी में किसी तरह का आपसी विरोध नहीं है। – मुकेश मिश्रा, महानगर अध्यक्ष, भाजपा।



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