संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। राजघाट नहर के पानी को परवई में किसान द्वारा रोके जाने के मामले को जब अमर उजाला ने उठाया तो सिंचाई विभाग भी सक्रिय हो गया। बुधवार को सिंचाई विभाग के अधिकारी पलींदा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने ग्राम प्रधान और किसान को मौके पर बुलाते हुए मामले का निपटारा कराने का प्रयास किया। काफी समझाइश के बाद किसान ने पानी छोड़ने पर रजामंदी जता दी।

बता दें कि रक्सा क्षेत्र के डेली स्थित पलींदा गांव में ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी गोशाला का संचालन किया जा रहा है। यहां गोवंश को हरा चारा मिल सके इसके लिए 18 एकड़ भूमि भी आवंटित है। लेकिन, इस भूमि को पानी नहीं मिल पाता है। यहां तक कि पानी आने से पहले परवई गांव के किसान ने नहर का पानी यह कहकर रोक दिया कि उसके खेत से होकर जाने वाले पानी से उसकी फसल बर्बाद हो रही है। किसान के इस काम से गोशाला की भूमि पर बरसीम भी सूख गई। विवाद सिंचाई विभाग से लेकर पुलिस तक पहुंंचा पर, कोई नतीजा नहीं निकला। इस पूरे मामले को अमर उजाला ने बुधवार को प्रकाशित किया तो सुबह 8 बजे ही सिंचाई विभाग की टीम जेई के साथ मौके पर पहुंच गई। पलींदा के प्रधान कालीचरण और किसान को बुलाकर अधिकारियों ने वार्ता की तो किसान पानी छोड़ने को राजी हो गया। हालांकि, किसान ने इसके लिए कुछ समय मांगा है।

वर्जन

आज हमारी टीम सुबह पलींदा गांव पहुंची थी। यहां प्रधान और किसान के बीच समझौता करा दिया गया है। आगामी दो-तीन दिन में गोशाला को पानी मिलने लगेगा।

सिद्धार्थ सिंह, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर, सिंचाई विभाग।



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