झांसी। वैसे तो समूचे बुंदेलखंड में पानी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन असल कहानी यह है कि झांसी मंडल के झांसी, ललितपुर और जालौन के नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत यानी नगरीय क्षेत्र के सवा दो लाख घरों में से जलसंस्थान द्वारा सवा लाख से ज्यादा परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं, बाकी बचे 82 हजार परिवार बिना नल कनेक्शन के हैं। ऐसे में इनको पीने का पानी नसीब नहीं होता है, न तो जल निगम इनको सप्लाई करता है, न ही जल संस्थान इनकी जिम्मेदारी लेता है। इनको खुद ही अपने श्रोतों से जैसे बोरवेल, हैंडपंप, कुओं से ही पानी का इंतजाम करना पड़ता है।

इससे सरकार के दावे लगभग फेल नजर आते हैं। मंडल के झांसी नगरीय क्षेत्र में घर तक साफ पानी पहुंचाने के लिए अमृत योजना के जरिए 600.42 करोड़ रुपये से 21 जून 2019 को काम शुरू हुआ था। इस काम को 20 जून 2022 तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन, लेटलतीफी के चलते अभी महज 55 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। वहीं, ललितपुर में 180 करोड़ और जालौन में लगभग 130 करोड़ से काम कराया जा रहा है, लेकिन आलम यह है कि अभी धरातल पर उतरने में योजना में लगभग दो साल का समय लगेगा।

ग्रामीण योजना भी धराशायी

यही हाल ग्रामीण इलाकों के लिए चल रही 1800 करोड़ की हर घर जल योजना का है। इसका काम मार्च 2023 तक पूरा होना था लेकिन, यह भी अधूरा है। हर घर जल योजना के तहत गुलारा, बचावली, तिलैथा, बुढ़पुरा, बरथरी, टेहरका, इमलौटा, कुरैचा, पुरवा व बढ़वार में परियोजनाएं आरंभ हुईं थी। इन परियोजनाओं के अधूरा पड़ा होने से सैकड़ों गांव तक इस सीजन में भी पेयजल नहीं पहुंच सकेगा।

यहां रहती है समस्या

गर्मी की शुरूआत होते ही 40 वार्ड के लोग पानी के लिए परेशान हो जाते हैं। लोग गाड़ियों और ठेलों पर पानी ढो रहे हैं। वहीं, महिलाएं और बच्चे हैंडपंपों पर सुबह से लाइन लगा रहे हैं। ऐसे में बाहर बड़ागांव गेट, सराय मोहल्ला, दरीगरान, भांडेरी गेट, सिजरिया कॉलोनी, अलीगोल, कसाई मंडी, ओरछा गेट, आईटीआई कैंपस के पास, प्रेमनगर, पुरानी पुलिस चौकी, ताज कंपाउंड, मद्रासी कॉलोनी, सत्यम कॉलोनी, अन्नपूर्णा कॉलोनी, चार खंभा, बाहर उन्नाव गेट, ऋषिकुंज स्कूल के पास, मास्टर कॉलोनी सहित अन्य कई मोहल्लों में पानी की बूंद भी नहीं टपकती। यहां पर कई जगह पाइपलाइन पड़ी तो है लेकिन पानी नहीं आता। जबकि कई जगह पाइपलाइन ही नहीं डाली गई है। ऐसे में लोग इधर-उधर से पानी की तलाश करते हैं, या खरीदकर पीते हैं।

इतने परिवार रहते हैं नगरीय क्षेत्र में

जनपद हाउस टैक्सदाता नल कनेक्शन धारक

झांसी 1.25 लाख 63,300

ललितपुर 34 हजार 29,000

जालौन 60 हजार 45,000

कुल 2.19 लाख 1,37,300 लाख

जहां-जहां जलसंस्थान की पाइपनाइन है, वहां नलों से पानी पहुंचाया जाता है। जहां पाइपलाइन नहीं है, वहां टैंकरों के माध्यम से सप्लाई की जाती है। इसके साथ ही जल निगम द्वारा ग्रामीण व शहरी योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जैसे ही योजनाएं पूरी हो जाएंगी। इन इलाकों में भी नल से जल पहुंचने लगेगा। मंडल में कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां भी किल्लत होती है वहां पानी पहुंचाया जाता है। – मनोज कुमार आर्य, महाप्रबंधक जलसंस्थान



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *