– कार्रवाई की चेतावनी के साथ पांच दिन की दी मोहलत

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पॉक्सो एक्ट के आरोपी के गैर जमानती वारंट तामील न कराने के मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने शहर कोतवाली इंस्पेक्टर की कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें न्यायालय में तलब किया। साथ ही कार्रवाई की चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण भी तलब किया है।

विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि साल 2014 के पॉक्सो एक्ट के एक मामले में न्यायालय ने अभियुक्त अकरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। साथ ही धारा 82 और 83 के आदेश भी दिए थे। लेकिन, थाना कोतवाली से वारंट इस रिपोर्ट के साथ वापस कर दिए गए कि काफी तलाश और दबिश के बाद भी अभियुक्त का कोई पता नहीं चला। लेकिन, पुलिस की ओर से न्यायालय को यह नहीं बताया गया कि किन-किन तिथियों में दबिश दी गई और न ही इस संबंध में जीडी संलग्न की गई। इस पर न्यायालय ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस की रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि गैर जमानती वारंट पर उप निरीक्षक द्वारा थाने पर ही बैठकर रिपोर्ट लगा दी गई। जबकि, यह मुकदमा न्यायालय के पांच पुराने मुकदमों में से एक है। इस स्थिति को न्यायालय ने घोर आपत्तिजनक माना है। कोतवाली इंस्पेक्टर से स्पष्टीकरण तलब करते हुए पांच दिन के भीतर न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।



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