– फायर ब्रिगेड के पास है संसाधनों की भारी कमी
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। झांसी महानगर की आधे से ज्यादा आबादी खतरे के मुहाने पर बैठी हुई है। खासतौर पर पुराने शहर की तंग गलियों में आग लगने की घटना होने पर उस पर काबू पाना आसान नहीं होगा। इसकी सबसे बड़ी वजह अग्निशमन विभाग के पास संसाधनों का बेहद सीमित होना है।
सीपरी बाजार में अग्निकांड की घटना होने के बाद अग्निशमन विभाग की लाचारी सामने आई। सूचना मिलने के बाद विभागीय दस्ता मौके पर तो पहुंच गया, लेकिन वह ज्यादा कुछ कर नहीं पाया। पुरानी गाड़ी पानी का प्रेशर नहीं बना पा रहीं थीं। जबकि, गाड़ियों का पानी भी चंद मिनटों में खत्म हो जा रहा है। आखिरकार मोर्चे पर सेना को लगाना पड़ा। सेना के दमकल दस्ते ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इन हालातों में महानगर की आधे से ज्यादा आबादी खतरे के मुहाने पर बैठी हुई है। शहर के तंग बाजारों और मुहल्लों में अग्निशमन दस्ता आसानी से नहीं पहुंच पाता है। इन इलाकों के लिए अग्निशमन विभाग के पास केवल एक बाइक है, जो शोपीस भर बनी रहती है। इसके अलावा विभाग के पास महानगर में छह फायर टेंडर हैं। इनमें से दो 10 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं। पुराने होने की वजह से इनकी कार्यक्षमता भी घट गई है।
इससे भी खराब स्थित हाईड्रेंट प्वाइंट को लेकर है। पहले महानगर में अलग-अलग जगहों पर 13 हाईड्रेंट प्वाइंट थे, जिनसे दमकल दस्ते आग बुझाने के लिए पानी लेते थे। लेकिन, इनमें से आठ जमींदोज हो चुके हैं। बाकी भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।
सीपरी बाजार में हुई आगजनी की घटना 12 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित इमारतों में हुई। यदि यही घटना शहर की किसी तंग गली में हुई होती तो घटना और भी विकराल रूप धारण कर सकती थी।
दमकल दस्ता हमेशा पूरी तरह से मुस्तैद रहता है। सीपरी बाजार में हुई घटना में भी विभागीय दस्ते ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया था। उपलब्ध संसाधनों के जरिये दमकल विभाग लगातार अपना काम करता आ रहा है।
– राजकिशोर राय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी