अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। भाजपा में महानगर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष बनने वालों की होड़ है। पार्टी सहकारी चुनाव की तरह खेमों में बंट गई है। हर गुट अपने समर्थक को अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाना चाहता है। इसके लिए जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारियों तक ने पैरवी तेज कर दी है। कई दावेदारों ने लखनऊ में डेरा डाल लिया। अगले सप्ताह अध्यक्षों का एलान हो सकता है।

सत्ताधारी पार्टी होने के कारण भाजपा में पद पाने की होड़ मची हुई है। इस कारण भाजपाइयों में आपस में खूब टकराव भी हो गया है। हाल ही में हुए अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के सभापति के चुनाव में भी पार्टी झांसी से लेकर लखनऊ तक दो धड़ों में बंट गई थी। यही हाल, अब जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर है। जनप्रतिनिधियों तक में खींचतान मची है कि वो अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनवा लें। पदाधिकारी भी अलग-अलग धड़ों में बंटे हैं। चर्चा है कि ग्रामीण जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में मऊरानीपुर को प्राथमिकता दी जा सकती है। यहां पर अपना दल-एस और भाजपा के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। वहीं पर्यवेक्षक ने भी जिलाध्यक्ष को लेकर अपनी रिपोर्ट संगठन को सौंप दी है। महानगर अध्यक्ष के लिए दस नाम और ग्रामीण जिलाध्यक्ष के लिए भी छह दावेदार हैं।

ये हैं रेस में

महानगर अध्यक्ष के लिए मौजूदा अध्यक्ष मुकेश मिश्रा के अलावा संजीव अग्रवाल लाला, अमित साहू, अंकुर दीक्षित, विनोद नायक, अतुल जैन, बालमुकुंद अग्रवाल, उदय लुहारी, आशुतोष द्विवेदी रेस में हैं। वहीं, ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद के लिए अरुण सिंह, प्रदीप पटेल, डॉ. रमेश श्रीवास, टीकाराम पटेल, शैलेंद्र प्रताप सिंह, बद्री प्रसाद त्रिपाठी, छत्रपाल राजपूत दावेदार हैं।



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