त्रयोदशी का खाना खाने वाले लोगों की तबीयत अभी सुधर नहीं रही

220 से ज्यादा लोगों को मेडिकल कालेज में चढ़ाई गई ग्लूकोज

मोंठ और समथर के अस्पताल में भी चला सैकड़ों का इलाज

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। त्रयोदशी संस्कार में खाना खाने के बाद एक हजार लोग बीमार हो गए थे। आसपास के चौदह गांवों के लोग पेट दर्द से कराह रहे थे। हालांकि सैकड़ों लोगों का इलाज गांव में ही किया गया जबकि कुछ को समथर और मोंठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। 200 लोगों का इलाज झांसी मेडिकल कालेज में भी हुआ। अब जब मेडिकल कालेज और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ी तो अफसरों ने कहना शुरू कर दिया है कि अफवाह के चलते लोग अस्पताल आ रहे हैं। गांवों में किसी ने अफवाह उड़ा दी है कि जो अस्पताल में भर्ती होगा उसे सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिलेगी।

दरअसल पूंछ के गांव बरोदा में पूर्व ग्राम प्रधान लाखन सिंह राजपूत के घर पर हुए त्रियोदशी संस्कार में खाना खाने से 1000 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। उल्टी-दस्त, पेट दर्द और बुखार की शिकायत पर कुछ का इलाज चिकित्सकों की टीम ने गांव में किया था जबकि कुछ को मोंठ और समथर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। बरोदा के साथ ही आसपास के करीब 12 गांवों के लोग बीमार हुए थे। कई गांवों में तो घर के सभी सदस्य बीमार हो गए । सोमवार को फिर लोगों की हालत बिगड़ी और 200 को झांसी के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। यहां सभी को ग्लूकोज चढ़ाई गई। वहीं मंगलवार को पूंछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 39 मरीज मोंठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को रेफर कर दिए गए। अब जब अस्पतालों में लगातार मरीज भर्ती हो रहे हैं, ते अफसर कहने लगे कि गांवों में कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को सरकार मुआवजा देगी। इस वजह से ठीकठाक लोग भी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। जबकि, हकीकत यह है कि चार दिनों के बाद भी बीमार लोगों को पूरी तरह से राहत मिल नहीं पाई है। इस वजह से ही वह अस्पतालों में जा रहे हैं।

सरकार ने भी जानी स्थिति, अफसरों से ली रिपोर्ट

झांसी। फूड पॉइजनिंग मामले में स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय के पास फोन आया। मरीजों का बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए गए। सीएमओ ने बताया कि प्रकरण की जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी।

इन गांवों के लोग हुए बीमार

बरोदा, पावई, सेरसा, कुइया, ग्यारई, दोहरका, पूंछ, सिकंदरा, महूसा, बांगरी, चिरगांव खुर्द, कडूरा, दतावली, बसोवई, चितगवां है।

खाना खाने के बाद जिन मरीजों की सेहत बिगड़ी थी, वो पहले ही भर्ती हो चुके हैं। सभी का बेहतर इलाज हो रहा है। ठीक होने पर डिस्चार्ज किए जा रहे हैं। वहीं, गांवों में ये अफवाह भी फैल गई है कि भर्ती होने वाले मरीजों को आर्थिक मदद मिलेगी। इस वजह से कई मरीज मंगलवार को भी अस्पताल पहुंचे। लोगों को इस तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। – डॉ. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।



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