अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। घाटे में चल रहे पराग के झांसी प्लांट में अब शुद्ध घी भी बनाया जाएगा। इसका परीक्षण शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसकी पैकेजिंग कर बाजार में उतारा जाएगा।

बुंदेलखंड विकास पैकेज से साल 2012 में झांसी में मेडिकल कॉलेज के पास पराग दूध प्लांट की स्थापना सात करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से की गई थी। वर्तमान में इस प्लांट से रोजाना लगभग साढ़े आठ हजार लीटर दूध का क्रय-विक्रय किया जाता है। यहां फुल क्रीम, टोंड व स्टैंडर्ड दूध का उत्पादन किया जाता है। पराग प्लांट का सात हजार लीटर से अधिक दूध सेना को सप्लाई किया जाता है। बावजूद, प्लांट वर्तमान में दो करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में है। इसकी वजह प्रतिमाह आमदनी से अधिक खर्च को बताया जा रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मई से जुलाई माह तक प्लांट को आय 3.69 करोड़ रुपये की हुई, जबकि खर्च 3.99 करोड़ रुपये का हुआ। कमोबेश हर माह यही स्थिति बनी रहती है। प्लांट की आय बढ़ाने के लिए अब पराग का शुद्ध घी भी झांसी प्लांट से तैयार किया जाने लगा है। फिलहाल, इसका परीक्षण किया जा रहा है। जल्द ही इसकी पैकेजिंग कर इसे बाजार में लांच किया जाएगा।

झांसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष प्रदीप सरावगी ने बताया कि प्लांट को घाटे से उबारने की कोशिशें से लगातार जारी है। इसका असर भी होने लगा है। जल्द ही शुद्ध घी भी लांच किया जाएगा, जिसका परीक्षण जारी है और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।



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