तालबेहट। आजादी के पचहत्तर वर्ष बाद भी क्षेत्र की जनता को एक्सप्रेस ट्रेनों को ठहराव तक नसीब नहीं हो सका। विकास की दम भरने वाली सरकार ने जो ट्रेनों यहां रुकती थी उनके भी स्टापेज बंद कर दिए। तब से जनता उन ट्रेनों और अन्य ट्रेनों के स्टोपेजों के लिए जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रही है। वहीं, जन प्रतिनिधि भी जनता को आश्वासन देकर उनका मन बहलाते आ रहे है।
तालबेहट में अदरक, अरबी, लोहा के अलावा कपड़े का अच्छा कारोबार है। सैन्य क्षेत्र, सरकारी कार्यालय पॉलिटेक्निक, आईटीआई एवं डिग्री कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय होने के कारण लोगों का आना जाना लगा रहता है। इसके बावजूद यहां पर मात्र दादर अमृतसर पठानकोट, विलासपुर अमृतसर छत्तीसगढ़, अहमदाबाद बनारस साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के अलावा झांसी बीना मेमो ट्रेन चलती है। जिसमें तड़के झांसी या ग्वालियर जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं है। जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही हैं। पहले यहां पंजाब मेल, उत्कल कलिंगा एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती थीं। लेकिन जब से वह बंद हुई किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके पुन: स्टापेज या उनके स्थान पर दूसरी ट्रेनों के स्टापेज दिलाने की ओर ध्यान तक नहीं दिया। जनता की मांग पर क्षेत्रीय सांसद लगभग पांच माह पूर्व तालबेहट में पाताल कोट के ठहराव की बात कह रहे हैं। लेकिन अब तक इसका ठहराव भी नहीं हो सका, इससे जनता में नाराजगी है।
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वर्ष 2014 से किसी भी ट्रेन का स्टापेज नहीं दिया गया। बल्कि उत्कल कलिंगा एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया।जिससे ग्वालियर और दिल्ली उपचार के लिए जाने वालों को परेशानी होती है।
– सुनील त्रिपाठी, व्यापारी
तालबेहट में लोहा, अदरक का अच्छा कारोबार है। पर्यटन की दृष्टि से माताटीला और सैन्य क्षेत्र एवं सरकारी कार्यालय होने के कारण लोगों का आना जाना लगा रहता है। इसके बावजूद यहां ट्रेनों का ठहराव कम है।
– मोहम्मद अहमद, शासकीय कर्मचारी
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने जनपद वासियों को जितनी ट्रेनों के स्टापेज दिए वह आज तक कोई सांसद नहीं दिला सका। वर्तमान सांसद तो ट्रेन स्टापेज के नाम पर क्षेत्रीय जनता को गुमराह करने का काम कर रहे है।
– रक्षपाल सिंह बुंदेला, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
शासकीय कार्य से प्रतिदिन झांसी एवं ललितपुर जाना पड़ता है। बसों में भीड़ अधिक होने एवं किराया अधिक होने से परेशानी होती है। तालबेहट में ट्रेनों के स्टापेज बढ़ाया जाना आवश्यक है।
– अशोक श्रीवास्तव