– आसानी से नहीं सुधरती, करनी पड़ जाती है मशक्कत
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। शहर की एक लाख की आबादी 50 साल पुरानी पाइप लाइन के भरोसे है। बूढ़ी हो चली इस पाइप लाइन में 150 से भी ज्यादा छेद हैं। इससे हर माह 60 लाख लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। जबकि, यह पानी 44 हजार लोगों की प्यास बुझा सकता है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ये पाइप लाइन आसानी से सुधर भी नहीं पाती है, जिससे लोगों के सामने पानी का संकट बना रहता है।
पुराने शहर के नरसिंह राव टौरिया, गंदीगर टपरा, चौधरयाना, गुसाईंपुरा, खत्रयाना, टकसाल, खटिकयाना, इतवारी गंज, मुहल्ला पन्नालाल, पुरानी नझाई, साईं का तकिया, लक्ष्मण गंज, गोपाल नीखरा आदि क्षेत्रों में सन 1972 में पाइप लाइन डाली गई थी। इसी दरम्यान सीपी मिशन कंपाउंड में भी पाइन लाइन बिछाई गई थी। तब इस पाइप लाइन की आयु 40 साल तय की गई थी। इस हिसाब से यह पाइप लाइन 10 साल पहले कालातीत हो चुकी है। बावजूद, 50 साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी अब तक इस पाइप लाइन को बदला नहीं गया है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इस पाइप लाइन के जरिये जल संस्थान ने 20 हजार नल कनेक्शन दे रखे हैं, जिससे सीधे तौर पर एक लाख की आबादी तक पानी पहुंचता है। लेकिन, कमजोर पड़ चुकी इस पाइप लाइन में रोजाना तीन से चार लीकेज सामने आते हैं। इन लीकेज से हर माह लगभग 60 लाख लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। जबकि, इस पानी से 44 हजार लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है और उनकी पानी संबंधी अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है। पाइप लाइन में लीकेज की वजह से संबंधित क्षेत्रों की जलापूर्ति ठप पड़ जाती है, जिससे लोगों के सामने जल संकट खड़ा हो जाता है।
दिक्कत की बात यह है कि ये पाइप लाइन सीमेंट की बनी हुई है, जबकि अब प्रचलन में डीआई (डक्टाइल आयरन) पाइप लाइन है। पुरानी पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त हो जाने पर इसे डीआई पाइप लाइन के टुकड़े जोड़कर दुरुस्त किया जाता है। इसकी जुगाड़ बनाने में खासा समय जाया हो जाता है। इस दरम्यान जलापूर्ति ठप पड़ी रहती है।
पुराने शहर के कई मुहल्लाें व सीपी मिशन कंपाउंड की पाइप लाइन 50 साल पुरानी हो चुकी है। इसमें रोजाना तीन से चार लीकेज सामने आते हैं। हालांकि, इन्हें दुरुस्त कर जलापूर्ति सुचारू की जाती है। नई पाइप लाइन डाले जाने के लिए अमृत योजना के तहत प्रस्ताव दिया गया है।
– आरएस बादलीवाल, अधिशासी अभियंता – जल संस्थान
नरसिंह राव टंकी में 100 एचपी की मोटर लगाई
झांसी। नरसिंह राव टौरिया में बनी पानी की टंकी से डेढ़ दर्जन मुहल्लों में जलापूर्ति की जाती है। अब तक इसमें पानी की पंपिंग के लिए 60 हॉर्स पावर की मोटर लगी हुई थी, लेकिन अब यहां 100 हॉर्स पावर की मोटर लगा दी गई है। जल संस्थान का मानना है कि बढ़ी हुई क्षमता की मोटर लग जाने से पानी को अंतिम छोर तक प्रेशर के साथ पहुंचाने में आसानी होगी। विकल्प के रूप में 60 एचपी की पुरानी मोटर भी रखी हुई है।