– नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल के पास होने से आधी आबादी में राजनीति में आगे बढ़ने की जगी उम्मीद

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की धरती ने नारी शक्ति के सम्मान की अपनी परंपरा को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लोकसभा के अब तक हुए 17 चुनावों में से झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने पांच बार महिला शक्ति को अपना प्रतिनिधित्व सौंपा। यहां से चार बार डा. सुशीला नैयर और एक बार उमा भारती सांसद चुनीं गईं। खास बात यह रही कि यहां से चुनकर गईं यह दोनों ही महिलाएं केंद्र सरकार में मंत्री भी बनीं। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए संसद में पास हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल से आधी आबादी में राजनीति में और भी ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद जगी है।

देश के दूसरे आम चुनाव में सन 1957 में कांग्रेस ने झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से डा. सुशीला नैयर को प्रत्याशी बनाया था। पाकिस्तान में जन्मी डा. सुशीला नैयर का झांसी से सीधे तौर पर कोई वास्ता नहीं था। बावजूद, क्षेत्र की जनता ने नारी शक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें पहले ही चुनाव में लोकसभा पहुंचाया। इसके बाद 1962 व 1967 के चुनाव में भी डा. सुशीला नैयर ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की और इस दरम्यान पांच साल वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रहीं। उन्हीं के कार्यकाल में झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नींव रखी गई थी। इसके बाद साल 1977 में डा. नैयर भारतीय लोकदल के टिकट से चुनाव में उतरीं और जीत हासिल की। हालांकि, इसके बाद लगातार 34 सालों तक किसी महिला को प्रतिनिधित्व नहीं मिला। यह सूखा साल 2014 में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरी उमा भारती ने दूर किया। क्षेत्र की जनता ने उमा को हाथों हाथ लेकर लोकसभा में पहुंचाने का काम किया। जबकि, सरकार ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें जल शक्ति मंत्री जैसा महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा।

संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाया गया नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल बुधवार को लोकसभा में पास हो गया। इससे वीरांगना की धरती की महिलाओं में राजनीति में और भी ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद जगी है। सरकार के इस रुख से आधी आबादी के बीच खुशी का माहौल है।

4 विधानसभाओं में 3 महिलाओं को ही मिली नुमाइंदगी

झांसी। देश की आजादी के बाद से अब तक जिले की चार विधानसभा सीटों में तीन महिलाओं को ही प्रतिनिधित्व मिला है। गरौठा विधानसभा से अब तक एक भी महिला नहीं चुनी गई है। जबकि, झांसी नगर विधानसभा से 46 साल पहले महज एक बार ही आधी आबादी को मौका मिला था। इस सूची में सबसे पहला नाम बेनी बाई का आता है। वे कांग्रेस के टिकट पर चार बार 1957, 1962, 1967 व 1974 में मऊरानीपुर से विधायक बनीं थीं। जबकि, इसके बाद 1980 और 1985 में बबीना से विधायक चुनी गईं और प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनीं। वहीं, झांसी नगर विधानसभा से 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सूर्यमुखी शर्मा विधानसभा पहुंची थीं। मऊरानीपुर विधानसभा से पहली बार सपा के टिकट पर 2012 में डा. रश्मि आर्य ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2022 के चुनाव में अपना दल से वे विधायक चुनी गईं।

यह भी जानें…

– जिला पंचायत के 24 सदस्यों में से 11 महिला सदस्य हैं।

– जिले के 496 ग्राम प्रधानों में से 205 हैं महिलाएं।

– नगर निगम के 60 पार्षदों में से 24 महिलाएं हैं।

– तीन एमएलसी में से एक महिला है।

– आठ ब्लॉक प्रमुखों में से दो महिलाएं हैं।

– नगर निगम के महापौर पद पर अब तक एक बार ही महिला चुनी गई।



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