अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। टमाटर के बढ़ते दामों ने हर किसी का बजट बिगाड़ दिया है। स्थिति यह है कि महानगर में चल रहे टोमैटो सॉस के 17 कारखानों पर ताला लग गया है। वहीं टमाटर की सॉस और चटनी का उत्पादन भी ठप हो गया है। कारखानों पर ताला लगने से करीब 200 कामगार बेरोजगार हो गए हैं। साथ ही कारोबारी भी नुकसान से परेशान होकर अब टमाटर के दामों में नरमी का इंतजार कर रहे हैं।
झांसी में टोमैटो सॉस और चटनी बनाने के 26 कारखाने हैं, जिन्हें कुटीर उद्योग के रूप में संचालित किया जाता है। इनमें से ज्यादातर कारखानों में बनने वाली सॉस की सप्लाई एक, पांच और दस लीटर के पैक में झांसी और ललितपुर के साथ उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कई जनपदों में होती है। अधिकांश सॉस की आपूर्ति होटल, रेस्टोरेंट और खान-पान की दुकानों पर की जाती है। कारखानों से सॉस थोक में 90 से 110 रुपये प्रति लीटर की दर से बाजार में बेची जाती है। लेकिन, टमाटर की कीमतें 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंचने से कारोबार ठप हो गया है।
महानगर में टोमैटो सॉस और चटनी के 17 कारखाने बंद हो गए हैं। इन कारखानों में सॉस का उत्पादन ठप होने से दो सौ कामगार बेरोजगार हो गए हैं। जो कारखाने चल रहे हैं, वहां भी उत्पादन में 50 फीसदी से अधिक गिरावट आ गई है। वे केवल अपने नियमित ग्राहकों को ही सॉस और चटनी की आपूर्ति कर रहे हैं।
छोटे व्यापारी हो गए बर्बाद
सॉस, अचार बनाने वाली फैक्टरी के संचालक संजू राय ने बताया कि कुछ साल पहले टमाटर की कीमतें 60-70 रुपये किलो तक तो पहुंची, लेकिन 100 रुपये से आगे कभी नहीं निकलीं। हालांकि कीमतों में तेजी लंबे समय तक नहीं रहती थी, लेकिन इस बार ज्यादा खिंच गई। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे कारोबारियों पर पड़ा है। उनका कारोबार ठप हो गया है। जबकि, बड़े कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
समझ से परे है दामों का बढ़ना
सॉस फैक्टरी के संचालक सैंयर गेट बाहर निवासी शोएबुद्दीन ने बताया कि हर साल बारिश के सीजन में टमाटर के दामों में 10-15 रुपये की तेजी आ जाती थी। इसके लिए कारोबारी पहले से ही तैयार रहते थे। लेकिन, इस बार तो टमाटर के भाव सौ से भी ऊपर पहुंच गए। जबकि, इसकी मांग में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। कीमतों का बढ़ना समझ से परे है। कुछ दिन घाटा भी झेला, लेकिन अब काम ही बंद कर दिया है। दाम घटने के बाद ही फैक्टरी दोबारा से खोली जाएगी।
दाम बढ़ाए पर नहीं मिले खरीदार
टमाटर की कीमतों में तेजी आने के बाद सॉस कारोबार एकदम घाटे में चला गया। शुरुआत के कुछ दिनों तक तो कारोबार को किसी तरह खींचते रहे कि जल्द भाव उतर जाएंगे। लेकिन, इसके बाद भी जब कीमतें नीचे नहीं आईं तो सॉस के दाम भी बढ़ाए। कारोबारियों ने दाम 90 से 110 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 230 रुपये तक कर दिए, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। सॉस फैक्टरी संचालक सुनील सैनी का कहना है मजबूरी में फैक्टरी पर ताला लगाना पड़ गया है। आगे बाजार का रुख देखने के बाद ही काम शुरु किया जाएगा।
एक नजर में आंकड़े
02 लाख लीटर सॉस का प्रतिमाह होता है उत्पादन
200 कामगार हो गए हैं प्रभावित
1.75 लाख लीटर सॉस की हर माह होती है खपत
120 रुपये प्रति किलोग्राम है टमाटर की कीमत