ओडिशा में हुए रेल हादसे के बाद चर्चा में है रेलवे की यह सुरक्षा प्रणाली
भारी पड़ सकता है यात्रियों की संरक्षा से खिलवाड़
अमर उजाला ब्यूरो
ललितपुर। दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए रेलवे की ओर से दो साल पहले कवच प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इसे ट्रैक और ट्रेनों के इंजनों में लगाया जाना था। लेकिन, अब तक यह झांसी रेल मंडल के मुख्य ट्रैक तक पर नहीं लग पाई है। इसके अलावा इक्का-दुक्का प्रीमियम ट्रेनों को छोड़कर यहां से शुरू होने वालीं व गुजरने वालीं किसी भी ट्रेन को कवच अब तक नहीं मिल पाया है। रेलवे की यह अनदेखी यात्रियों की संरक्षा पर कभी भी भारी पड़ सकती है।
ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे की जांच में सामने आया है कि यह ट्रैक कवच प्रणाली से लैस नहीं था। यदि रेलवे की ओर से सुरक्षा का यह इंतजाम किया गया होता तो हादसा नहीं होता। झांसी रेल मंडल भी अभी तक इस प्रणाली से अछूता बना हुआ है। यहां तक कि मंडल के 296 किलोमीटर लंबे मुख्य ट्रैक तक को इससे लैस नहीं किया जा सका है। इसके अलावा यहां से रोजाना गुजरने वाली 195 ट्रेनों में से वंदेभारत, शताब्दी और राजधानी को छोड़कर अन्य किसी में कवच प्रणाली नहीं है।
झांसी रेल मंडल से शुरू होने वाली प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस, झांसी-कोलकाता एक्सप्रेस, झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस, ग्वालियर बरौनी मेल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस व ताज एक्सप्रेस में भी यह सिस्टम अभी तक नहीं लगाया जा सका है। जबकि, रेलवे की यह अनदेखी यात्रियों की सुरक्षा पर कभी भी भारी पड़ सकती है। हालांकि, ओडिशा में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे की ओर से अब तेजी से कवच प्रणाली से रेल मंडलों को लैस किए जाने की बात कही जा रही है।
स्वत: लग जाता है ट्रेन में ब्रेक
झांसी। कवच (एंटी-ट्रेन टक्कर प्रणाली) लोको पायलट को उस वक्त एलर्ट करता है, जब वह किसी सिग्नल (सिग्नल पार एट डेंजर-स्पैड) को पार कर जाता है। आमतौर ट्रेनों की टक्कर की प्रमुख वजह यह ही होती है। इसके अलावा इस तकनीक में जब ट्रेन ऐसे सिग्नल से गुजरती है, जहां से गुजरने की अनुमति नहीं होती है, तो कवच के जरिये खतरे वाला सिग्नल भेजा जाता है। इसके बाद भी यदि लोको पायलट ट्रेन रोकने में विफल साबित होता है, तो फिर कवच तकनीक के जरिये ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाते हैं, जिससे ट्रेन हादसे से बच जाती है।
कवच प्रणाली से ट्रैक और ट्रेनों को लैस किए जाने काम तेजी से जारी है। जल्द ही झांसी रेल मंडल में भी सुरक्षा का यह उपाय कर लिया जाएगा। रेलवे यात्रियों की संरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। – मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी