– महज सौ रुपये जमा करके खोले गए थे यह सभी खाते, पकड़ा जा चुका 64 लाख का गबन

– अभी कई खातों की चल रही जांच, 1.30 लाख रुपये जमा करने के बाद फर्जीवाड़ा करके निकाल लिए 37. 06 लाख

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। डाकघर में करोड़ों रुपये के गबन वाले खेल की शुरुआत 2 फरवरी 2016 को उपडाकघर झांसी से हुई थी। यहां तैनात डाक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी नाम एवं पते पर बोगस खाते खुलवाए। उस समय सभी कुछ मैनुअल तरीके से चलता था। चेक भी मैनुअल तरीके से पास होते थे। इन लोगों ने बचत खाते में मामूली रकम जमा की। मैनुअल तरीके से बचत खाते में रकम की इंट्री कर दी। उसके बाद कूटरचित चेक बनाकर कई गुना अधिक रकम निकाल ली। शुरुआती जांच में छह बचत खाते सामने आए हैं। इनसे कुल करीब 64 लाख रुपये के गोलमोल की पुष्टि हो चुकी है जबकि अन्य बचत खातों की जांच अभी चल रही है। जांच पूरी होने के बार यह रकम कई गुना अधिक बढ़ सकती है।

सीबीआई के हाथ छह बचत खातों से जुड़े दस्तावेज आए हैं। सबसे अधिक पैसा उपडाकघर झांसी में खुलवाए बचत खाता संख्या 43,3797 से निकाला गया। यह खाता दतिया गेट निवासी अरुण कुमार तिवारी के नाम से 2 फरवरी 2016 को सौ रुपये जमा करके खुलवाया गया। इसमें दो फरवरी से 19 मई तक 1.30 लाख रुपये जमा किए गए। इसके बाद पांच चेक को कूटरचित तरीके से बनाते हुए एसबीआई शाखा से 37.06 लाख रुपये निकाल लिए गए। सदर बाजार डाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी ए कुमार पुत्र शिवराम के नाम से खाता संख्या 3190125393 में 1.12 लाख रुपये जमा किए गए। यहां भी फर्जीवाड़ा करके 1.12 लाख के बजाय 21 लाख रुपये निकाल लिए गए। कैंट डाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी अनिल राजपूत (खाता संख्या 3159358503) के नाम 1.01 लाख रुपये जमा हुए लेकिन, 7.24 लाख रुपये निकाल लिए। कचहरी उपडाकघर में बाहर दतिया गेट निवासी अरुण कुमार (खाता संख्या 3184599087) में फर्जीवाड़ा करके 29.81 लाख रुपये निकाल लिया। भट्टागांव स्थित डाकघर में भट्टागांव निवासी अनिल पुत्र रमेश प्रसाद के नाम 7.24 लाख रुपये, निकाल लिए गए। डाक अधिकारियों का कहना है कि जांच की जा रही है। अभी अन्य खातों के भी सामने आने की उम्मीद है। यह रकम कई करोड़ में भी हो सकती है। उधर, सीबीआई की ओर से जांच शुरू होने के बाद से यहां डाकघर कर्मियोें के बीच हड़कंप मचा हुआ है।



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