पर्यूषण पर्व विशेष

– प्रतिभास्थली गुरुकुल में कर रहीं छात्राओं को संस्कारित

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। महंगे कपड़े, महंगा मोबाइल और हाई-फाई लाइफ स्टाइल जीने वाली बुंदेलखंड की बेटी ने पलभर में सब कुछ छोड़ दिया। परिवार की करोड़ों की दौलत को ठोकर मारकर मानव सेवा के लिए खुद को समर्पित कर दिया। एमबीबीएस करने के बाद गरीबों-असहायों की मदद और बेटियों के भविष्य को संवारने के लिए निकलीं डॉ. जीतिका जैन बुंदेलखंड का मान बढ़ा रही हैं। आचार्य विद्यासागर महाराज से आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर जीतिका आज प्रतिभास्थली संस्थान जबलपुर में अध्यापन करने के साथ ही मरीजों का उपचार भी करती हैं।

ललितपुर के मड़ावरा निवासी उद्योगपति सुरेश जैन और सरोज जैन की बेटी जीतिका जैन ने 12 साल पहले नागपुर के लता मंगेशकर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रहीं जीतिका ने एमबीबीएस में बेहतर अंक पाए। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में ही इंटर्नशिप के दौरान 16-16 घंटे मरीजों की सेवा करने लगीं। पिता सुरेश जैन और परिवार भी नागपुर में रहने लगा। उद्योगपति पिता की बेटी जीतिका के मन में करुणा और दया भाव तो था ही, लेकिन शौक भी हाईफाई थे। महंगे कपड़े पहनना, महंगा मोबाइल रखना, आए दिन पिकनिक, जगह-जगह घूमने जाना और आधुनिक लाइफस्टाइल जीना उनकी आदत बन गई।

जीतिका के मामा प्रवीण जैन बताते हैं कि आठ साल पहले जैन समाज के सबसे श्रेष्ठ संत आचार्य विद्यासागर महाराज का रामटेक तीर्थ पर चातुर्मास हो रहा था। इस दौरान उनके बहनोई सुरेश जैन परिवार के साथ आचार्यश्री के दर्शन के लिए गए थे। जीतिका भी उनके साथ थीं। यहां परिवार को आचार्यश्री को आहारदान देने का सौभाग्य मिला। जीतिका ने भी आचार्यश्री को आहार दिया।

आचार्यश्री को आहार देने के बाद जीतिका के विचार और मन में पलभर में परिवर्तन हुआ और उन्होंने आचार्यश्री के समक्ष आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेने के भाव प्रकट कर दिए। परिजनों ने जीतिका को काफी समझाया भी, लेकिन उन्होंने त्याग और सेवा करने की बात कही। आचार्यश्री ने भी बिटिया की भावनाओं को समझा। आचार्य विद्यासागर महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत लेने के बाद जीतिका ने घर छोड़ दिया और जबलपुर में जैन छात्राओं के गुरुकुल प्रतिभास्थली में अध्यापन करने लगीं। अब वे यहां छात्राओं को संस्कारित करने के साथ ही सैकड़ों मरीजों की सेवा करती हैं। साथ ही समय-समय पर देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर श्रावकों को पवित्र जीवन शैली जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। डॉक्टर जीतिका विज्ञान और धर्म की दृष्टि से जीवन के मूल्य को समझाकर लोगों को सन्मार्ग का उपदेश दे रही हैं। जीतिका की झांसी के मोहल्ला चंद्रशेखर आजाद में ननिहाल है।

प्रतिभास्थली को दान कर दिए 50 लाख

बेटी जीतिका जैन ने जब आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर घर छोड़ दिया, तो पिता सुरेश जैन ने बिटिया से कहा कि तुम्हारी शादी के लिए जो धन संजोया था, उसकी तुम्हारे नाम एफडी कर देते हैं। लेकिन जीतिका ने वह पूरी धनराशि प्रतिभास्थली को दान में दे दी।



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