संवाद न्यूज एजेंसी
झांंसी। अगर आप सर्दी, जुकाम और बुखार होने पर दवा लेने मेडिकल कॉलेज जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यहां सिर्फ डॉक्टर आपका इलाज कर देंगे। लेकिन दवा आपको बाहर से लानी पड़ेगी। आलम यह है यहां दर्द हो या बुखार हर मर्ज की दवा बाहर से ही मरीजों को लानी पड़ रही है। डॉक्टर पर्चे पर जो भी दवाएं लिख रहे हैं, उसमें से महज दो या तीन ही आपको मेडिकल कॉलेज के काउंटर पर मिल रही हैं। बाकी दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
झांसी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोज करीब तीन हजार मरीज इलाज कराने आते हैं। इन दिनों बारिश के चलते मौसमी बीमारियों का हमला बढ़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में सर्दी, जुकाम, बुखार और दर्द के मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं। ओपीडी में मरीजों को डॉक्टर जो दवाएं लिख रहे हैं, उनमें से दो या तीन दवाएं ही अस्पताल के दवा काउंटर पर ही मिल रहीं हैं। बाकी मरीजों को बाहर से लानी पड़ती हैं। दवा काउंटर पर बैठा कर्मचारी ही दवाओं को बाहर से लेने की सलाह दे रहा है। बाहर से दवाएं लाना मरीजों को महंगा पड़ रहा है।
हालांकि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बाहर की दवाएं लिखने के मामले कई बार सामने आए हैं। आए दिन मरीज और तीमारदार इसे लेकर शिकायत करते हैं, लेकिन कार्रवाई सिफर है। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर के मुताबिक डॉक्टरों को बाहर की दवाएं नहीं लिखने के निर्देश दिए गए हैं। शिकायत मिलने पर बाहर से दवाएं लिखने वाले डॉक्टर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पेट में दर्द होने पर ओपीडी में डॉक्टर को दिखाया है। डॉक्टर ने छह दवाएं लिखी हैं। दवा काउंटर पर सिर्फ तीन ही दवाएं मिलीं। बाकी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ेंगी। – सुनील, मरीज, ग्राम पालर
सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। डॉक्टर को दिखाया है। पर्चे पर पांच दवाएं लिखी थीं। सिर्फ दो दवाएं ही मिली हैं। बाहर के मेडिकल स्टोर से दवा लेने जा रहे हैं। – भूरी, मरीज, मोंठ
पत्नी को आठ दिन से बुखार आ रहा है। ओपीडी में दिखाने पर पर्चे पर कुछ दवाएं लिखी गईं हैं। दवा काउंटर से सिर्फ एक ही दवा दी गई। दवाएं जन औषधि केंद्र पर भी नहीं मिल रहीं हैं। – विनय कुमार, बीएचईएल
यहां तो अक्सर ही ऐसे होता है। डॉक्टरों द्वारा लिखी गईं दवाओं में से सिर्फ एक-दो दवा ही काउंटर पर मिलती हैं। बच्चे को चर्म रोग के डॉक्टर को दिखाया था, तीन दवाएं बाहर से लेनी पड़ रहीं हैं। – ओमकार, मोंठ